Bulldozer Action: दिल्ली के जंगपुरा में चला बुलडोजर, DDA ने 400 झुग्गियों को किया ध्वस्त; पैरामिलिट्री फोर्स रही तैनात
दिल्ली के जंगपुरा इलाके में मद्रासी कैंप पर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चलाकर करीब 400 झुग्गियों को ध्वस्त कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश पर हुई इस कार्रवाई में पुलिस बल तैनात था। प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक आवास देने का वादा किया गया है लेकिन निवासियों ने पुनर्वास प्रक्रिया पर असंतोष जताया है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने भी इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। राजधानी दिल्ली के जंगपुरा इलाके में वर्षों से बसे मद्रासी कैंप पर रविवार को प्रशासन का बुलडोजर चला। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसटीएफ की कार्रवाई लगभग 400 अस्थायी आवासों को ध्वस्त किया गया, जबकि 370 मकान ही चिन्हित थे।
तड़के शुरू हुई इस कार्रवाई में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की भी भारी तैनाती रही। अतिक्रमण हटाने के लिए छह बुलडोजर और एक पोकलेन मशीन लगाई गई।
किसी भी संभावित विरोध या अव्यवस्था से निपटने के लिए पैरामिलिट्री बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां भी मौके पर मौजूद रहीं। कार्रवाई के दौरान स्थानीय निवासियों ने विरोध दर्ज किया और धरने पर बैठने का प्रयास किया, जिन्हें पुलिस ने फौरन हटा दिया।
झुग्गी क्लस्टर में रहते थे लगभग 400 मजदूर वर्ग के परिवार
मद्रासी कैंप के लोगों का आरोप है कि छह दशक पुराने कैंप को प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था दिए बिना उजाड़ने की कार्रवाई की है। अब उनके पास सिर छिपाने के लिए कोई छत नहीं बची है। निवासियों और कार्यकर्ताओं ने सरकार से आगे की बेदखली से पहले उचित पुनर्वास सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
मद्रासी कैंप झुग्गी क्लस्टर में लगभग 400 मजदूर वर्ग के परिवार रहते थे, जो लगभग 60 वर्षों से अस्तित्व में हैं। विगत नौ मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने मद्रासी कैंप को अवैध अतिक्रमण घोषित करते हुए हटाने का निर्देश दिया।
आदेश में कहा गया कि बस्ती बारापुला नाले के किनारे स्थित है, जो मानसून में जलभराव, बीमारियों और स्वच्छता संकट का बड़ा कारण बनता है। नाले की सफाई और जल निकासी सुधारने के लिए अतिक्रमण हटाना जरूरी है। अधिकारियों ने उन परिवारों की सूची घोषित की जो सरकार द्वारा आवंटित फ्लैटों के लिए पात्र थे।
केवल 189 परिवार ही फ्लैटों के लिए पात्र पाए गए। उन्हें नरेला में वन बीएचके फ्लैट दिए गए हैं। लोगों के विरोध को देखते हुए वैकल्पिक आवास के लिए 26 लोगों की एक और लिस्ट तैयार की जा रही है।
189 को नरेला दिए गए हैं वैकल्पिक आवास
कैंप निवासी सुमिधि व शांति ने कहा कि यहां लगभग 400 परिवार रह रहे हैं और आवास 215 को ही दिया जा रहा है। हम जैसे बाकी लोग कहां जाएंगे। वहीं राजू ने बताया कि नरेला में जो आवास मिले भी हैं, उनकी हालत खराब है। बिजली-पानी की वहीं व्यवस्था ही नहीं है। दरवाजे और खिड़कियां भी टूटी हुई हैं।
दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट अनिल बांका ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद तोड़फोड़ अभियान चलाया गया। यह कोर्ट के निर्देशानुसार अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा है। बारापुला नाले के संकरे होने से सफाई करना मुश्किल हो गया था, जिससे मानसून के दौरान बाढ़ आ जाती है। अभियान में 370 घर ध्वस्त किए गए, जिनमें से 189 परिवार नरेला में पुनर्वास के योग्य पाए गए हैं।
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दी प्रतिक्रिया
वहीं कार्रवाई को लेकर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया कि मद्रासी कैंप में तोड़फोड़ अभियान दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के खिलाफ प्रतीत होता है कि कोई भी झुग्गी नहीं हटाई जाएगी। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से राष्ट्रीय राजधानी में तमिल निवासियों के सामने आ रही स्थिति पर ध्यान देने का भी आग्रह किया।
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