दिल्ली में 50 से ज्यादा अवैध निर्माणों पर चलेगा बुलडोजर, प्रशासन ने कसी कमर
आने वाले दिनों में नरेला इलाके में एक जगह व अलीपुर इलाके में एक ही दिन में चार जगह कार्रवाई की जाएगी। पहले यह कार्रवाई महीने में एक या दो बार की जाती थी लेकिन अब यह लगातार जारी रहेगी। (फाइल फोटो जागरण)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नगर निगम चुनाव के बाद उत्तरी व उत्तर पश्चिमी जिले में अवैध निर्माण की गति काफी तेज हो गई है। कृषि भूमि, डीडीए की जमीन, ग्राम सभा की जमीन व अन्य विभागों की जमीन पर धड़ल्ले से अतिक्रमण होता जा रहा है। कहीं पर प्लाटिंग कर कालोनी काटी जा रही है तो कहीं पर गोदामों की 25 फीट ऊंची दीवारें खड़ी कर दी गई हैं।
इस पर लगाम लगाने के लिए उत्तरी जिले के अधिकारियों ने कमर कस ली है। हर दिन कहीं न कहीं अवैध निर्माण को गिराया जा रहा है। आने वाले दिनों में उत्तरी जिले में 50 से ज्यादा जगह पर अतिक्रमण को ध्वस्त किया जाएगा।
प्रशासन ने तैयार की रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार, नरेला एसडीएम कार्यालय की ओर से सब डिवीजन में हो रहे अवैध निर्माण की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इसको लेकर 36 आरओ जारी कर दिए गए हैं। इसी तरह अलीपुर इलाके में भी 20 से ज्यादा आरओ तैयार कर लिए गए हैं। हर रोज किसी न किसी जगह पर अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है।
सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में नरेला इलाके में एक जगह व अलीपुर इलाके में एक ही दिन में चार जगह कार्रवाई की जाएगी। पहले यह कार्रवाई महीने में एक या दो बार की जाती थी, लेकिन अब यह लगातार जारी रहेगी। किसी जगह पर एक बार अवैध निर्माण गिराने के बाद अगर दोबारा से निर्माण शुरू किया गया तो उस पर फिर से कार्रवाई की जाएगी।
गोदाम लीलते हैं श्रमिकों की जान
जुलाई 2022 में अलीपुर इलाके के बकौली गांव में अवैध रूप से गोदाम बनाया जा रहा था।इस दौरान दीवार गिर गई थी व इसके नीचे दबने से पांच श्रमिकों की मौत हो गई थी और आठ घायल हो गए थे। दुर्घटना में मरने वाले लोगों के स्वजन व घायल अभी तक उस हादसे को भूल नहीं पाए हैं। स्वजन के पास मृतकों के शवों को घर तक ले जाने के पैसे भी नहीं थे। वह शवों को उत्तर प्रदेश, बिहार के गांव तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ा रहे थे।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी दुर्घटना
ऐसी ही कई दुर्घटना पहले भी हो चुकी है और लोग जान गंवा चुके हैं। कार्यालयों से जानकारी होती है लीकजिला अधिकारी कार्यालय में जिला अधिकारी, एडीएम, एसडीएम आदि अधिकारी बदलते रहते हैं। जिला अधिकारी व एसडीएम कार्यालय में स्टाफ वही रहता है, उसमें कोई बदलाव नहीं होता है। ऐसे में भूमाफिया दफतर के स्टाफ से भी सांठगांठ करके रखते हैं।
सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों की अंदर की जानकारी तक स्टाफ द्वारा लीक कर दी जाती है। भूमाफिया को यह तक पता चल जाता है कि दफ्तर से निकलकर एसडीएम, एडीएम किस ओर गए हैं। नेता दबाव बनाने की करते हैं कोशिश अधिकारी जब अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियों, नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे कार्यों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं तो इलाके के नेताओं के नाम से भी उन्हें फोन आने लगते हैं।
सूत्रों के अनुसार, कई बार तो एक ही नेता के नाम से तीन अलग-अलग लोग फोन करते हैं। कई भूमाफिया तो अधिकारियों का तबादला करवाने तक की बात मुंह पर कहकर चले जाते हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जो अधिकारी कानून के अनुसार काम कर रहे हैं क्या उनका भी तबादला करवा दिया जाएगा?