Delhi News: तुगलकाबाद में अतिक्रमण पर चलेगा बुलडोजर, बोर्ड परीक्षार्थियों की चिंता बढ़ी
Delhi News स्थानीय श्रीति विश्वास ने बताया कि घरों के टूटने के चलते माता-पिता परेशान हैं और इसस हमारी पढ़ाई काफी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। हमें समझ नहीं आ रहा है कि हम लोग परीक्षा के लिए पढ़ाई करें या फिर रहने के लिए नई जगह तलाशें।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी जिले में तुगलकाबाद किला इलाके में रहने वाले झुग्गीवासियों को बुधवार को आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) द्वारा 15 दिनों के अंदर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है। इन निवासियों के बच्चों की बोर्ड परीक्षा भी एक महीने बाद यानी 15 फरवरी से ही शुरू हो रही है। ऐसे में इन बच्चों के सामने परीक्षा की तैयारियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
गौरतलब है कि तुगलकाबाद किला इलाके में बुधवार को एएसआइ द्वारा करीब एक हजार घरों पर नोटिस लगाया गया है। नोटिस में एएसआइ की ओर से लिखा गया है कि यह पाया गया है कि तुगलकाबाद किला क्षेत्र की दीवारों के भीतर कुछ व्यक्तियों द्वारा निर्माण कार्य किया गया है।
15 दिनों का अल्टीमेटम
इसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का घोर उलंघन और अतिक्रमण माना गया है। जिसके चलते तुगलकाबाद किला क्षेत्र के अंदर मकानों के कब्जाधारियों अथवा अतिक्रमणकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे इस नोटिस के जारी होने की तारीख से 15 दिनों की अवधि के भीतर सभी अवैध निर्माणों को अपने खर्चे से हटा दें, ऐसा न करने पर उनके खिलाफ उनकी लागत और जोखिम पर कानून के अंतर्गत ध्वस्तीकारण सहित अन्य सारी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शनिवार को इलाके में किसी भी तरह के उपद्रव को रोकने के लिए अर्धसैनिक बल के जवान तैनात रहे।
घर टूटने की चिंता में पढ़ाई प्रभावित
स्थानीय प्रीति विश्वास ने बताया कि मैं तुगलकाबाद विस्तार स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में 10वीं की छात्रा हूं। हमारी बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं। इसी बीच घर टूटने की समस्या भी सामने आ गई है। इसकी वजह से मानसिक दबाव काफी बढ़ गया है। घर टूटने की चिंता में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कम से कम बोर्ड परीक्षा होने तक की छूट हमें मिल जाए तो काफी सुविधा होगी।
स्थानीय श्रीति विश्वास ने बताया कि मैं तुगलकाबाद विस्तार स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में 10वीं की छात्रा हूं। मेरी मां गृहणी है और पिता दिहाड़ी पर काम करते हैं। हमारे यहां 10वीं और 12वीं के कई छात्र-छात्राएं हैं जिनकी बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं। लेकिन घरों के टूटने के चलते माता-पिता परेशान हैं और इसस हमारी पढ़ाई काफी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। हमें समझ नहीं आ रहा है कि हम लोग परीक्षा के लिए पढ़ाई करें या फिर रहने के लिए नई जगह तलाशें।