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    Delhi Electricity: दिल्ली में 53 लाख घरों की बिजली होगी गुल! BSES का लाइसेंस होगा निरस्त

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 09:53 PM (IST)

    दिल्ली सरकार BSES का लाइसेंस रद्द करने की तैयारी में है जिससे 53 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे। BSES पर दिल्ली सरकार की कंपनियों का 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया है मामला अदालत में लंबित है। भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सरकार कानूनी प्रक्रिया शुरू करने जा रही है क्योंकि बकाया भुगतान से सरकारी बिजली संयंत्रों की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ रहा है।

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    दिल्ली में 53 लाख घरों में बिजली आपूर्ति करने वाली बीएसईएस का निरस्त होगा लाइसेंस।

    संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली के बड़े क्षेत्र में बिजली आपूर्ति करने वाली बांबे सब अर्बन इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई (बीएसईएस) का लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी है। दिल्ली सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बीएसईएस की दोनों कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) दक्षिण, पश्चिम, पूर्वी व मध्य दिल्ली में लगभग 53 लाख उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करती है।

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    दिल्ली सरकार की कंपनी इंद्रप्रस्थ पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (आइपीजीसीएल) व प्रगति पावर कारपोरेशान लिमिटेड (पीपीसीएल) और डिस्कॉम के ग्रिड तक बिजली पहुंचाने वाली कंपनी दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) का इन दोनों बिजली कंपनियों पर 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। यह मामला अदालत में भी लंबित है।

    डिस्कॉम के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया

    विधानसभा चुनाव के पहले दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार पर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। भाजपा का आरोप था कि दिल्ली की निजी वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) में दिल्ली सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल), बीआरपीएल, बीवाईपीएल एक ही दर पर उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराती हैं।

    इसके बाद भी बीआरपीएल व बीवाईपीएल घाटें में और टीपीडीडीएल लाभ में है। उन्होंने इन दोनों डिस्कॉम के खातों की कैग जांच और लाइसेंस निरस्त करने की मांग की थी। नियमों का उल्लंघन करने पर ओडिशा में इस कंपनी का लाइसेंस निरस्त हो चुका है। दिल्ली में भी कार्रवाई होनी चाहिए।

    सरकार आने पर लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी शुरू

    अब भाजपा की सरकार आने पर लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। विभाग के उच्च पदस्थ सूत्र का कहना है कि कागजी कार्रवाई चल रही है। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानूनी न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में याचिका दायर की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार प्राकृतिक आपदा या अन्य अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर डिस्कॉम नियामक परिसंपत्ति का दावा नहीं कर सकती है।

    दिल्ली में ऐसी स्थिति नहीं है, इसके बाद भी डिस्कॉम की नियामक परिसंपत्ति 21 हजार करोड़ रुपये पहुंच गई। बकाया देने से बचने व नियामक परिसंपत्ति प्राप्त करने के लिए डिस्कॉम सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है। बकाया भुगतान नहीं होने से दिल्ली सरकार के बिजली संयंत्रों व डीटीएल की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ रहा है, इसलिए लाइसेंस निरस्त करने का निर्णय़ लिया गया है।

    दिल्ली में वर्ष 2002 में बिजली वितरण निजी हाथों में दिया गया था। टीपीडीडीएल, बीआरपीएल व बीवाईपीएल को वर्ष 2027 तक लाइसेंस दिया गया है।

    बीएसईस पर बकाया

    कंपनी बकाया राशि (करोड़ रुपये)
    आइपीजीसीएल (IPGCL) 5400
    पीपीसीएल (PPCL) 15000
    दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड 5000