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    ईंट भट्ठों के लिए CPCB ने जारी किए दिशा-निर्देश, बोर्ड पर लगानी पड़ेगी पूरी 'जन्मकुंडली'; पढ़ें पूरी डिटेल

    Updated: Sun, 18 May 2025 06:47 PM (IST)

    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने ईंट भट्ठों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। अब सभी भट्ठों को अपने परिसर में एक बड़ा बोर्ड लगाना होगा जिस पर उनके लोकेशन कोआर्डिनेट्स मिट्टी खनन की जानकारी और उत्पादन क्षमता जैसी तमाम जानकारियां देनी होंगी। इसका उद्देश्य ईंट भट्ठों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण रखना है।

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    ईंट भट्ठों को बड़े बोर्ड पर लगानी होगी पूरी 'जन्मकुंडली'।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित देशभर में चल रहे ईंट भट्ठे अब कोई जानकारी नहीं छिपा सकेंगे। उन्हें अपनी पूरी 'जन्मकुंडली' एक बड़े बोर्ड पर लगानी होगी। इसमें उनके लोकेशन कोआर्डिनेट्स से लेकर मिट्टी के खनन तक की बारीक जानकारी मौजूद होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने ईंट भट्ठों के लिए इस आशय के लिखित निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

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    दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि देश भर में ही ईंट भट्ठों को वायु प्रदूषण की बड़ी वजहों में शामिल किया जाता है। दरअसल इन भट्ठों में मिट्टी को पकाकर ईंट बनाई जाती है और इसके लिए जलाई जाने वाली आग में तमाम तरह के ईंधन का प्रयोग किया जाता रहा है। इसमें लकड़ी, कोयले से लेकर प्लास्टिक एवं कचरा आदि भी जलाया जाता रहा है। हाल के कुछ सालों में ईंट भट्ठों से होने वाले इस तरह के प्रदूषण की रोकथाम के लिए देश भर में ही कवायद चल रही है।

    पीएनजी गैस ईंधन पर स्थानांतरित किए जाने जैसे प्रयास

    इसमें ईंट भट्ठों को जिग-जैग तकनीक आधारित करने या फिर उसे पीएनजी गैस ईंधन पर स्थानांतरित किए जाने जैसे प्रयास शामिल हैं। जिग-जैग तकनीक में ईंट भट्ठों के धुएं में मौजूद हानिकारक तत्वों को काफी हद तक कम कर दिया जाता है। जबकि, पीएनजी गैस के इस्तेमाल से इस प्रकार के प्रदूषकों का उत्सर्जन सीमित होता है। इसी क्रम में सीपीसीबी ने ईंट भट्ठों पर निगरानी के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

    सीपीसीबी ने देश भर में मौजूद ईंट भट्ठों को अपने परिसर में एक बड़ा बोर्ड स्थापित करने को कहा है। इस सूचना पट्ट पर ईंट भट्ठे से संबंधित समस्त जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। सीपीसीबी ने सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और समितियों को इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है। साथ ही इसे लागू कराने से संबंधी कार्रवाई रिपोर्ट भी सीपीसीबी के पास जमा कराने को कहा है।

    सूचना पट्ट पर यह जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य

    1. ईंट भट्ठे का जिओ-कोआर्डिनेट्स
    2. फोन नंबर
    3. ईंट भट्टे की डिजाइन (जिग-जैग, ट्रेंच या अन्य)
    4. जहां से मिट्टी खोदी जाती है वहां के जिओ कोआर्डिनेट्स
    5. खनन की गई मिट्टी की मात्रा
    6. ईंट भट्ठे का पूरा एरिया
    7. हरित क्षेत्र का ब्यौरा
    8. प्रतिवर्ष कितनी ईंटों का उत्पादन किया गया
    9. भूमिगत जल संबंधी अनुमति
    10. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी का नाम
    11. पिछले बार हुए निरीक्षण की तारीख
    12. लाइसेंस जारी करने की तारीख