CM सचिवालय समेत दो मेडिकल कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकी, जांच में जुटी पुलिस
दिल्ली में बम की धमकी से हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री सचिवालय मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज और जीटीबी अस्पताल को बम से उड़ाने की धमकी मिली। पुलिस और बम निरोधक दस्तों ने तुरंत तलाशी अभियान चलाया लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। ईमेल को फर्जी घोषित कर दिया गया और आगे की जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली को बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल भेजने का सिलसिला जारी है। अब मध्य दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय, मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) और जीटीबी अस्पताल परिसर में स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) को बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल मिले हैं। यह मेल मंगलवार सुबह 6:30 बजे मिला, जिसकी जानकारी तीनों कार्यालयों के खुलने के बाद पुलिस को दी गई।
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस के अलावा तमाम एजेंसियां हरकत में आ गईं। स्थानीय पुलिस के अलावा बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) और बम निरोधक दल (बीडीटी) ने तीनों के परिसरों की तलाशी ली, जहां कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। इसलिए ईमेल को पहले की तरह ही फर्जी घोषित कर दिया गया।
डीसीपी (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने बताया कि यूसीएमएस और जीटीबी अस्पताल ने मंगलवार सुबह 11:00 बजे बम वाले ईमेल की सूचना दी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और बिना दहशत फैलाए कॉलेज को खाली करा लिया। बीडीएस टीम को बुलाया गया, जिसने इमारत के हर कोने की तलाशी ली।
दोपहर करीब डेढ़ बजे बिल्डिंग को क्लीन चिट दे दी गई। आखिरकार, कॉल को अफवाह करार दिया गया। सूत्रों ने बताया कि प्रिंसिपल को भेजे गए मेल में लिखा था कि कॉलेज के अंदर तीन बम रखे गए हैं, इसलिए सभी बाहर आ जाएँ। इसका असर एक किलोमीटर के दायरे में होगा।
सीएम सचिवालय को दोपहर साढ़े तीन बजे और मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज को दोपहर पौने दो बजे धमकी भरे ईमेल मिले। डिप्टी कमिश्नर (सेंट्रल) निधिन वाल्सन ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को तुरंत सीएम सचिवालय और मेडिकल कॉलेज भेजा गया। बीडीएस टीमों को बुलाया गया, जिन्होंने जाँच शुरू की।
डीडीएमए, ट्रैफिक पुलिस और स्पेशल सेल को सहयोग के लिए सूचित किया गया। दोनों जगहों पर दहशत न फैले, इसका पूरा ध्यान रखा गया। शुरुआती जाँच में ये ईमेल भी पहले वाले की तरह ही फर्जी पाए गए। सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट साइबर थाने के एसएचओ जाँच कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि ऐसे मेल पहले भी पड़ोसी राज्यों को भेजे जा चुके हैं।

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