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    Delhi: यमुना में ले सकेंगे बोटिंग का मजा, सिग्नेचर ब्रिज से ITO बैराज तक 11 किमी का होगा दायरा

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Sat, 17 Jun 2023 08:40 AM (IST)

    Delhi Boating Place उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक नाव के दिल्ली पहुंचने के बाद देहरादूर और कर्नाटक के करवार शहर से आई नेवी की विशेषज् ...और पढ़ें

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    दिल्ली में नजफगढ़ ड्रेन से पहले यमुना में चलेगी नाव

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राजधानी दिल्ली में नजफगढ़ ड्रेन से पहले यमुना में नाव चलेगी। इसके लिए नेवी की नाव आ ही चुकी है। अब उसके ट्रायल की तैयारी चल रही है। इसका पहला रूट सिग्नेचर ब्रिज से आइटीओ बैराज होगा। यह ट्रायल के बाद ही तय होगा कि नाव सवारी ढोएगी या फिर सामान।

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    गौरतलब है कि एलजी वीके सक्सेना पिछले कई माह से नजफगढ़ ड्रेन और यमुना की सफाई कराकर उसमें नाव चलाने की संभावना तलाश रहे हैं। जब दिल्ली सरकार ने इसके लिए बजट देने से इनकार कर दिया तो एलजी ने नेवी से सहयोग मांगा।

    एलजी के आग्रह पर नेवी ने एक नाव भेज भी दी है। मालूम हो कि 11 मीटर लंबी इस नाव को ट्राले पर चढ़ाकर सड़क मार्ग के जरिये कोच्चि से दिल्ली लाया गया है।

    नेवी की विशेषज्ञ टीम ने किया सर्वे

    25 मई को वहां से चली यह नाव तीन जून को यहां पहुंच गई थी। चूंकि सिग्नेचर ब्रिज से आगे यमुना किनारे ट्रेलर के जाने का रास्ता नहीं था तो इस नाव को वहीं पर रस्सियों से बांधकर खड़ा कर दिया गया है।

    उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक नाव के दिल्ली पहुंचने के बाद देहरादूर और कर्नाटक के करवार शहर से आई नेवी की विशेषज्ञ टीम ने सिग्नेचर ब्रिज से आइटीओ बैराज तक यमुना का हाइड्रोलिक सर्वे किया।

    सप्ताह भर पहले पूरा हो चुके इस सर्वे में सामने आया है कि यमुना में नाव के निर्बाध परिचालन के लिए पानी की न्यूनतम गहराई 1.7 (लगभग दो मीटर) होनी चाहिए जबकि सर्वे में कहीं यह गहराई 0.9 मीटर मिली तो कहीं चार मीटर तक।

    ऐसे में अब 11 किमी के इस हिस्से में पानी की गहराई के न्यूनतम स्तर को बनाए रखने के लिए उसमें से गाद निकाली जा रही है। यह कार्य अगले सप्ताह तक पूरा हो जाने की संभावना है।

    जल्द शुरू होगा ट्रायल

    उपराज्यपाल कार्यालय के मुताबिक नाव के परिचालन के लिए जरूरी पानी की गहराई और बहाव सुनिश्चित होने पर इसका ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। ट्रायल के दौरान सभी संभावनाएं तलाशी जाएंगी कि यहां नाव किस रूप में चल सकती हैं।

    मतलब, पर्यटन की दृष्टि से नौका विहार अथवा जलमार्ग के तौर पर माल या सवारी ढोने के लिए। ट्रायल की सफलता या असफलता के बाद ही इससे आगे की प्रक्रिया और औपचारिकताओं पर काम किया जाएगा।

    उपराज्यपाल कार्यालय के मुताबिक ट्रायल के परिणाम के आधार पर नेवी से अन्य नाव मिलेंगी। ये भी बताया गया है कि नजफगढ़ ड्रेन के लिहाज से नेवी की नाव आकार में बड़ी है, इसलिए इसे वहां चलाना संभव नहीं।

    फिर वहां पर अभी सफाई कार्य भी चल ही रहा है। लिहाजा, पहला चरण अब नजफगढ़ ड्रेन बल्कि यमुना का ही होगा। ज्ञात हो कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी भी कई बार यमुना में बोट टैक्सी चलाने की बात कह चुके हैं।