Lok Sabha Elections: चुनाव से पहले भाजपा की हर परिवार से जुड़ने की कोशिश, पार्टी ने बनाया ये खास प्लान
बूथ पर संगठनात्मक व चुनावी गतिविधियों को गति देने के लिए नियुक्त किए गए त्रिदेव को इसमें अपनी विशेष भूमिका निभाने को कहा गया है। इनके ऊपर अपने बूथ के ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए भाजपा नेतृत्व सोशल मीडिया को महत्वपूर्ण हथियार मानती है। नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर सक्रिय किया जा रहा है। सरकार व पार्टी की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय व प्रदेश के साथ ही मंडल स्तर पर इसके लिए अलग से इकाई गठित की गई है।
हर घर अपनी बात पहुंचाने की तैयारी
अब इससे आगे बढ़कर बूथ स्तर पर इस हथियार का उपयोग प्रत्येक घर तक अपनी बात पहुंचाने की तैयारी है। पार्टी ने प्रत्येक बूथ पर वाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्णय किया है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। एक पखवाड़े के अंदर इस काम को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। बूथ पर संगठनात्मक व चुनावी गतिविधियों को गति देने के लिए नियुक्त किए गए त्रिदेव को इसमें अपनी विशेष भूमिका निभाने को कहा गया है।
पार्टी को मिलेगा सुझाव
त्रिदेव में बूथ अध्यक्ष, बूथ पालक व बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) शामिल हैं। इनके ऊपर अपने बूथ के वाट्सएप ग्रुप को बनाने और उसे सही तरह से संचालित करने की जिम्मेदारी होगी। ग्रुप पर भाजपा द्वारा डाले जाने वाले संदेश के साथ ही इससे जुड़े कार्यकर्ता व आम नागरिक भी अपनी बात रख सकेंगे। किसी विषय पर आम लोगों की प्रतिक्रिया, उनकी राय, सुझाव पार्टी को मिलेगी।
नेताओं व कार्यकर्ताओं की स्थानीय समस्या जान सकेंगे। इसके अनुसार, स्थानीय स्तर पर चुनावी रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि दिल्ली में लगभग 1.37 करोड़ मतदाता और 13700 से अधिक बूथ हैं। प्रत्येक बूथ पर एक हजार से 15 सौ के करीब मतदाता हैं। वाट्सएप ग्रुप में प्रत्येक परिवार से कम से कम एक सदस्य और कुल 28 लाख से 30 लाख लोगों को जोड़ने का प्रयास है।
चुनाव की तैयारियों उपयोगी साबित होगा
इससे नरेन्द्र मोदी सरकार की उपलब्धियों, भाजपा की नीति, नेताओं के भाषण, विपक्ष के दुष्प्रचार का जवाब आम जनता तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। साथ ही पार्टी के किसी कार्यक्रम जैसे बूथ या मंडल स्तर पर होने वाली बैठक, सम्मेलन आदि की सूचना भी लोगों तक आसानी से पहुंच सकेगी।
चुनाव की तैयारी के साथ ही मतदान प्रतिशत बढ़ाने में भी यह कदम उपयोगी साबित होगा। ग्रुप से जुड़े लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। वोट नहीं डालने वालों की पहचान करने में आसानी होगी। ऐसे लोगों से कार्यकर्ता समय रहते संपर्क कर उनका मतदान सुनिश्चित करा सकेंगे।

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