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    दिल्ली में पूर्वांचली को CM बनाकर इस राज्य पर फोकस का है प्लान? एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी में BJP

    दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद सीएम पद के लिए नाम के ऐलान को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। वहीं राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार बीजेपी पूर्वांचल के किसी नेता को दिल्ली की गद्दी सौंप सकती है। इस सवाल को जवाब में बदलने के कई राजनीतिक मायने निकल रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Rajesh KumarUpdated: Wed, 12 Feb 2025 08:58 PM (IST)
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    अगर बिहारी नेता बने सीएम तो इनके नाम लगेगी मुहर(फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, जागरण। दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद सीएम पद के लिए नाम के ऐलान को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। वहीं, राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार बीजेपी पूर्वांचल के किसी नेता को दिल्ली की गद्दी सौंप सकती है। इस सवाल को जवाब में बदलने के कई राजनीतिक मायने निकल रहे हैं।

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    बिहार के किसी नेता को मिलेगी गद्दी!

    खास बात यह है कि पूर्वांचल के नेताओं में से बिहार से ताल्लुक रखने वाले किसी नेता को बीजेपी दिल्ली की गद्दी सौंप सकती है। राजनीतिक जानकारों का मानना ​​है कि ऐसा करके बीजेपी न सिर्फ दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचलियों को खुश कर सकती है, बल्कि एक हजार किलोमीटर दूर रहने वाले बिहारियों का दिल भी जीतने की कोशिश कर रही है। हालांकि, ऐसा करके बीजेपी एक तीर से दो निशाने साध सकती है।

    बिहारियों का दिल्ली से गहरा नाता

    बता दें कि पूर्वांचल के लोगों का दिल्ली से बहुत गहरा और पुराना रिश्ता है। चाहे रोजगार हो, स्वास्थ्य सेवाएं हों या शिक्षा, बिहार और पूर्वी यूपी का शायद ही कोई घर हो जिसके लोग इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए दिल्ली न आते हों। अगर बीजेपी पूर्वांचल के किसी नेता को दिल्ली का सीएम बनाती है तो इसका न सिर्फ सकारात्मक असर होगा बल्कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर भी इसका बहुत गहरा असर पड़ेगा।

    सत्ता में लाने में पूर्वांचली मतदाताओं का हाथ

    उल्लेखनीय है कि दिल्ली की कुल 18 विधानसभा सीटों में से 10 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, जिनमें झुग्गी बस्तियों की बहुलता है। 10 सीटें ऐसी हैं, जिन पर झुग्गी बस्तियों के मतदाता जीत-हार का फैसला करते हैं। इनमें से 7 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। इन 28 सीटों में पूर्वांचल के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है।

    इससे साबित होता है कि पूर्वांचल के मतदाताओं ने हमेशा की तरह भाजपा पर अपना भरोसा जताया है। यह बड़ी बात है कि पूर्वांचल के लोगों ने भाजपा को कुल 17 सीटें जीतने में मदद की है। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्वांचल के लोगों भाजपा पर भरोसा जताने के बदले उन्हें तोहफा देकर पार्टी अगले चुनाव के लिए अपनी रणनीति तय कर सकती है।

    बने सीएम तो इनके नाम लगेगी मुहर

    अब सवाल यह उठता है कि अगर बीजेपी पूर्वांचल से सीएम बनाती है तो किन नामों पर दांव पर लग सकता है, तो बता दें कि दिल्ली बीजेपी में पूर्वांचल यानी खासकर बिहार से कई नेता हैं जो इस साल चुनाव जीतकर आए हैं। अगर ऐसा होता है तो अभय वर्मा, डॉ पंकज कुमार सिंह और चंदन कुमार चौधरी का नाम फाइनल हो सकता है।

    हालांकि, दरभंगा के रहने वाले अभय वर्मा को सबसे मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। वह दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष और पेशे से वकील हैं। दूसरे दावेदार हैं खगड़िया के रहने वाले चंदन चौधरी, जिन्होंने दिल्ली की संगम विहार सीट जीती है।

    तीसरे दावेदार की बात करें तो मूल रूप से बक्सर के रहने वाले डॉ. पंकज कुमार सिंह ने विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र से कमल खिलाया है।

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