नई दिल्ली, जागरण संवाददाता: दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कड़ा मुकाबला हुआ। इसमें कई पूर्व महापौर से लेकर भाजपा के कद्दावर नेता अपनी सीट निकालने में कामयाब रहे तो कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। जीतने वालों का अपने-अपने राजनीतिक दल में कद बढ़ना स्वाभाविक है।

हार का सामना करने वाले नेताओं को पार्टी में अपना वजूद बनाये रखने के लिए संघर्ष करना होगा। जो पांच बड़े नेता जीतकर आए हैं, उनमें पूर्व महापौर कमलजीत सहरावत, राजा इकबाल सिंह, नीमा भगत, योगिता सिंह, रेखा गुप्ता और प्रेम चौहान शामिल हैं। इसी प्रकार जो हार गए हैं उनमें भाजपा के बिपिन बिहारी सिंह, श्याम शर्मा, अवतार सिंह आप के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे विकास गोयल, कांग्रेस से पूर्व महापौर फरहाद सूरी शामिल हैं।

कई विधायक अपने क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को नहीं दिला पाए जीत 

आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के कई कद्दावर विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के वार्डों से पार्टी उम्मीदवारों को जीता नहीं पाए। स्थिति यह है कि दिल्ली सरकार के दो मंत्रियों- कैलाश गहलोत और सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्रों के वार्डों से आप का खाता भी नहीं खुल सका। सत्येंद्र जैन भ्रष्टाचार के आरोप में अभी तिहाड़ जेल में हैं।

मनीष सिसोदिया के क्षेत्र में मिली हार 

इसके अलावा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी के क्षेत्र के वार्डों में भी पार्टी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। मनीष सिसोदिया पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। इस क्षेत्र में नगर निगम के चार वार्डों में से तीन में आप के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा विधायक व प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी के विधानसभा क्षेत्र के पांच वार्डों में से चार में भाजपा उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। इन चारों सीटों पर आप ने जीत दर्ज की।

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Edited By: Abhi Malviya