चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के प्रकोप के बीच बाजार में भी खलबली, चिकन बाजारों से भी सैंपल लेने के निर्देश
दिल्ली के चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के कारण कुछ पक्षियों की मौत हो गई है जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। चिड़ियाघर में सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं और पक्षियों के साथ जानवरों की भी जांच की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने बाजारों से भी नमूने लेने के निर्देश दिए हैं। विभाग स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। चिड़ियाघर में आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं। पक्षियों और जानवरों की जांच के साथ-साथ उनके व्यवहार पर भी नजर रखी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। अस्पतालों के साथ निगरानी टीमों को भी अलर्ट कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने सोमवार को कहा कि एहतियात के तौर पर बाजारों और मुर्गा मंडियों से पोल्ट्री के नमूने लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। विभाग शहर के अस्पतालों और निगरानी टीमों को अलर्ट पर रखते हुए घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहा है। जांच के लिए बाजारों और मुर्गा मंडियों (गाजीपुर में) से पोल्ट्री के रैंडम नमूने एकत्र किए जाएंगे।
सभी एहतियाती उपाय लागू हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। फिर भी, जो लोग अतिरिक्त सावधानी बरतना चाहते हैं, वे दो-तीन दिनों तक चिकन खाने से परहेज कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार, 12 पक्षियों की मौत के बाद राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में निगरानी और जैव सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं।
निगरानी दल दिन में दो बार परिसर की जांच कर रहे हैं, साथ ही प्रवासी पक्षियों के बाड़ों, तालाबों और चारागाहों की सफाई और कीटाणुशोधन भी कर रहे हैं। चिड़ियाघर में जानवरों के स्वास्थ्य और व्यवहार पर रखवालों और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नज़र रखी जा रही है। कर्मचारियों को दस्ताने, मास्क, सुरक्षात्मक सूट और जूता कवर जैसे सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
शेर और बाघ ज्यादा संवेदनशील
तीन पेंटेड स्टॉर्क और एक काली गर्दन वाले आइबिस को इलाज के लिए अलग रखा गया है और निगरानी में हैं। 31 अगस्त तक, छह पेंटेड स्टॉर्क, दो काली गर्दन वाले आइबिस और चार प्रवासी पेंटेड स्टॉर्क की मौत हो चुकी है। इनमें से दो पेंटेड स्टॉर्क और दो आइबिस के नमूने H5N1 वायरस से संक्रमित पाए गए। बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिड़ियाघर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।
चिड़ियाघर निदेशक संजीत कुमार के अनुसार, "एवियन इन्फ्लूएंजा की तैयारी, नियंत्रण और रोकथाम हेतु कार्य योजना हेतु प्राणि उद्यानों के लिए दिशानिर्देश (संशोधित 2021)" के अनुसार, अन्य जानवरों और पक्षियों में इस बीमारी के प्रसार को रोकने और चिड़ियाघर के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी गई है। स्तनधारियों, विशेष रूप से शेर और बाघ जैसी बड़ी बिल्लियों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है, जो इस तरह के प्रकोप के दौरान असुरक्षित होते हैं।
21 दिनों तक रैंडम जांच जारी रहेगी
संजीत कुमार के अनुसार, प्रोटोकॉल के अनुसार, अगले 21 दिनों तक पक्षियों की नियमित रैंडम जाँच की जाएगी, बशर्ते इस बीच कोई मौत न हो। एक बार जब मौतें रुक जाएंगी, तो यह पुष्टि करने के लिए कि चिड़ियाघर पूरी तरह से वायरस मुक्त है, हर 15 दिनों में कम से कम तीन बार परीक्षण किए जाएंगे।
यदि बीच में कोई मौत होती है, तो समय-सीमा को तदनुसार पुनर्निर्धारित किया जाएगा और स्थिति के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी अगली सूचना तक चिड़ियाघर दर्शकों के लिए बंद रहेगा।
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