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    दिल्ली में कंधे की जटिल चोटों पर कारगर साबित हो रही है बायो कोलेजन इंप्लांट तकनीक

    Updated: Tue, 24 Jun 2025 10:29 PM (IST)

    डॉ. दीपक चौधरी और डॉ. शिव चौकसे ने बताया कि आमतौर पर इस उम्र में टेंडन की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती जिससे रिकवरी लंबी हो जाती है। लेकिन इस इंप्लांट की वजह से मरीजों को जल्दी राहत मिल रही है। अब तक 48 से अधिक मरीजों में इस तकनीक का उपयोग किया जा चुका है जिनमें से अधिकांश चार से पांच महीने में पहले जैसी स्थिति में लौट चुके हैं।

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    पारंपरिक इलाज की तुलना में उन्होंने सिर्फ चार महीने में ही सामान्य गतिविधियां शुरू कर दी

     दिल्ली के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने बुजुर्गों की जटिल कंधे की चोट के इलाज में एक नई उम्मीद जगाई है। 65 वर्षीय पूर्व IAS अधिकारी और मल्टीनेशनल कंपनी के सीईओ धीरज माथुर की रोटेटर कफ सर्जरी अगस्त 2023 में की गई थी। खास बात यह रही कि पारंपरिक इलाज की तुलना में उन्होंने सिर्फ चार महीने में ही सामान्य गतिविधियां, यहां तक कि तैराकी भी शुरू कर दी।

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    इस सफलता का श्रेय 'बायो इंडक्टिव कोलेजन इंप्लांट' तकनीक को दिया जा रहा है, जो कंधे के टेंडन की मरम्मत को तेजी से बेहतर बनाती है। सर्जरी करने वाले डॉ. दीपक चौधरी और डॉ. शिव चौकसे ने बताया कि आमतौर पर इस उम्र में टेंडन की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती, जिससे रिकवरी लंबी हो जाती है। लेकिन इस इंप्लांट की वजह से मरीजों को जल्दी राहत मिल रही है।

    अब तक 48 से अधिक मरीजों में इस तकनीक का उपयोग किया जा चुका है, जिनमें से अधिकांश चार से पांच महीने में पहले जैसी स्थिति में लौट चुके हैं।

    क्या है रोटेटर कफ की चोट?

    रोटेटर कफ टेंडन कंधे को चारों ओर से सहारा देते हैं और हाथ उठाने में मदद करते हैं। यह चोट आमतौर पर युवाओं में खेल या गिरने से और बुजुर्गों में टिशू के कमजोर हो जाने के कारण होती है। बुजुर्गों में यह ‘फ्रोजन शोल्डर’ के साथ भी देखी जाती है।

    जब फिजियोथेरेपी और दवाएं असर नहीं करतीं, तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है। लेकिन उम्रदराज मरीजों में टेंडन की मरम्मत के बाद फिर से टूटने का खतरा बना रहता है। ऐसे में यह इंप्लांट इलाज में क्रांतिकारी भूमिका निभा रहा है।

    कैसे काम करता है यह इंप्लांट?

    अमेरिका की एक कंपनी द्वारा विकसित 'रिजेनेटेन' नामक यह इंप्लांट DNA से शुद्ध किया गया कोलेजन आधारित उत्पाद है। सर्जरी के दौरान इसे फटे हुए टेंडन के ऊपर लगाया जाता है, जहां यह नई टिशू के निर्माण को प्रोत्साहित करता है। छह महीनों के भीतर यह एक मजबूत नए टेंडन का रूप ले लेता है, जिससे दर्द कम होता है और कंधे की ताकत लौटती है।