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    अवकाश एवं यात्रा भत्ता घोटाला: बिहार के विधायक अनिल कुमार सहनी की सजा पर फैसला सुरक्षित

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Wed, 31 Aug 2022 06:37 PM (IST)

    आरजेडी विधायक अनिल कुमार सहनी की ओर से वकील मोहिंदर सैनी और जीतेंद्र सैनी एनएस नायर की ओर से वकील ब्रह्म सिंह और अरविंद तिवारी की ओर से वकील अभय कुमार पांडेय ने दलीलें पेश की। सीबीआइ की ओर से वकील पंकज गुप्ता ने दलीलें रखी।

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    सजा पर बहस के दौरान इस मामले के तीनों दोषी कोर्ट में मौजूद थे।

    नई दिल्ली [गौरव बाजपेई]। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व राज्यसभा सदस्य और वर्तमान आरजेडी विधायक अनिल कुमार साहनी समेत तीन लोगों की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने तीन सितंबर को मामले में फैसला सुनाएंगे। सजा पर बहस के दौरान इस मामले के तीनों दोषी कोर्ट में मौजूद थे।

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    29 अगस्त को ठहराया गया था दोषी

    आरजेडी विधायक अनिल कुमार सहनी की ओर से वकील मोहिंदर सैनी और जीतेंद्र सैनी, एनएस नायर की ओर से वकील ब्रह्म सिंह और अरविंद तिवारी की ओर से वकील अभय कुमार पांडेय ने दलीलें पेश की। सीबीआइ की ओर से वकील पंकज गुप्ता ने दलीलें रखी। कोर्ट ने सभी पक्षों को 2 सितंबर को मध्याह्न तक अपनी लिखित दलीलें कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने 29 अगस्त को अनिल कुमार सहनी के अलावा जिन लोगों को दोषी ठहराया था उनमें एयर इंडिया के तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट (ट्रैफिक) एनएस नायर और अरविंद तिवारी शामिल हैं।

    सीबीआई ने दर्ज किया था केस

    अवकाश और बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लिये जाने के एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआइ ने केस दर्ज किया था। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने इस मामले को सीबीआइ को ट्रांसफर किया था। सीबीआइ ने इस मामले में मनी लाड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरूपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    पहले जदयू से राज्यसभा गए अभी आरजेडी से विधायक

    अनिल कुमार सहनी जदयू से 2010 से लेकर 2018 तक दो बार बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। सहनी फिलहाल बिहार से आरजेडी के विधायक हैं। उन पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी।