प्रद्युम्न मर्डर में उठा बड़ा सवाल- जब परीक्षा रुकवाने के लिए हत्या की तो परीक्षा क्यों दी?
प्रद्युम्न के माता-पिता को सीधे स्कूल आने से क्यों रोका गया? इन सवालों का जवाब पुलिस तो नहीं खोज पाई थी मगर सीबीआइ को खोजना पड़ेगा।
गुरुग्राम (सत्येंद्र सिंह)। पुलिस की जांच थ्योरी पलट प्रद्युम्न हत्याकांड में भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के 11 वीं कक्षा के छात्र को गिरफ्तार करने वाली सीबीआइ टीम को कई सवालों के जवाब खोजने होंगे। केवल परीक्षा और पीटीएम टालने के लिए आरोपी छात्र ने मासूम प्रद्युम्न का कत्ल कर दिया यह बात लोगों के गले से नहीं उतर रही है।
यही कहा जा रहा है कि कहीं छात्र की कोई ऐसी हरकत तो प्रद्युम्न ने नहीं देख ली जिसको लेकर उसे भय था कि उसकी करतूत उसके माता-पिता या स्कूल प्रबंधन तक पहुंच गई तो बदनामी होगी। इसी सोच के चलते उसने प्लान बना मासूम का कत्ल कर दिया हो। यह भी संभव हो सकता है कि वारदात में छात्र के साथ और कोई शामिल रहा हो।
इसी तरह के सवाल पुलिस की जांच में खड़े हुए थे पर पुलिस उनका जवाब नहीं खोज पाई। जिस तरह से वारदात हुई इसमें स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोग भी दोषी हो सकते हैं। मगर पुलिस की तरह सीबीआइ भी अब तक स्कूल प्रबंधन के बारे में कुछ नहीं बोल रही है।
आरोपी छात्र के पिता का दावा है कि बच्चे के शव को सबसे पहले एक बच्चे ने देखा और माली और अध्यापिका को बताया था। जबकि पुलिस कह रही थी कि बाथरूम के बरामदे में लगे वाटर कूलर के पास माली हरपाल पानी पीने के लिए गया था और उसने बच्चे के शव को देखा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि आरोपी छात्र अचानक अगर मासूम पर हमला करता तो वह पेट में चाकू मारता। सीधे गला क्यों रेतता? अगर उसने कत्ल किया तो बाथरूम की फर्स से लेकर दीवार खून से रंग गई थी पर छात्र के कपड़ों पर खून के धब्बे क्यों नहीं आए।
परीक्षा टालने के लिए उसने किसी की जान ली तो परीक्षा क्यों दी? यह भी हो सकता है कि स्कूल स्टाफ के साथ या आरोपी छात्र अपने किसी सहपाठी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में रहा और बच्चे ने देख लिया हो? स्कूल प्रबंधन ने साक्ष्य मिटाने के प्रयास क्यों किए?
प्रद्युम्न के माता-पिता को सीधे स्कूल आने से क्यों रोका गया? इन सवालों का जवाब पुलिस तो नहीं खोज पाई थी मगर सीबीआइ को खोजना पड़ेगा।
सीबीआइ को खोजने पड़ेंगे कई सवालों के जवाब
गले नहीं उतर रही परीक्षा टालने के लिए हत्या की बातइसमें कोई दो राय नहीं कि सच को साक्ष्य के साथ अदालत में पेश करने के लिए सीबीआइ को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
हो सकता है कि वारदात के पीछे कोई और भी हो, क्योंकि अकेला छात्र इतनी सफाई से कत्ल नहीं कर सकता कि उसके कपड़े में एक भी धब्बा न आए। हालांकि सीबीआइ पक्के सबूतों पर ही अपने कदम आगे बढ़ाती है।
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