Delhi News: रेलवे की मंजूरी के बाद भैरों मार्ग अंडरपास का निर्माण कार्य होगा शुरू, इन वाहनों के लिए यातायात होगा सुचारू
दिल्ली सरकार ने भैरों मार्ग अंडरपास के निर्माण के लिए रेलवे से NOC की मांग की है ताकि मानसून के बाद काम शुरू हो सके। बाढ़ के कारण काम रुक गया था अब कास्ट-इन-सीटू तकनीक का उपयोग होगा। हल्के वाहनों के लिए बनने वाला यह अंडरपास रिंग रोड पर यातायात को सुगम बनाएगा। पहले से धंसे बॉक्स नहीं हटाए जाएंगे चौड़ाई और ऊंचाई कम की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों से भैरों मार्ग अंडरपास के निर्माण के लिए रेलवे से जल्द एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेने को कहा है, ताकि मानसून खत्म होते ही इस अंडरपास का काम शुरू हो सके। लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने हाल ही में इस अंडरपास को लेकर रेलवे और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है।
दोनों विभागों को समन्वय से काम करने और समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि नागरिकों को इसके निर्माण का लाभ मिल सके। रिंग रोड पर भैरों मार्ग से सराय काले खां तक इस अंडरपास का हिस्सा अधूरा है।
इलाके में जाम को देखते हुए रिंग रोड से भैरों मार्ग आने वाले हिस्से पर दोनों तरफ से यातायात चलाया जा रहा है। 2023 में यमुना में आई बाढ़ के पानी के कारण इस अंडरपास के बॉक्स जमीन में धंस जाने के बाद से काम रोक दिया गया है।
कास्ट-इन-सीटू तकनीक से होगा काम
इसके ऊपर से रेलवे लाइनें गुजरती हैं। दिल्ली सरकार को इसके निर्माण को पूरा करने के लिए केंद्र से हरी झंडी मिल गई है। इस निर्माण के लिए दिल्ली सरकार ने आईआईटी दिल्ली, मुंबई और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) जैसे शीर्ष संस्थानों से सलाह ली है और उनके सुझावों के आधार पर कास्ट-इन-सीटू तकनीक अपनाने का फैसला किया है।
इस पद्धति से रेलवे लाइन को प्रभावित किए बिना सुरंग निर्माण पूरा हो जाएगा और सुरक्षा की दृष्टि से भी यह बेहतर है। कास्ट-इन-सीटू तकनीक में पहले से बना कोई हिस्सा नहीं जोड़ा जाता, बल्कि मौके पर ही निर्माण कार्य किया जाता है और धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
यह अंडरपास भैरों मार्ग, रिंग रोड टी-पॉइंट पर बनाया जा रहा है। इसके ऊपर से प्रमुख रेलवे लाइनें गुज़र रही हैं। इस वजह से इस पर दिन भर ट्रेनों की आवाजाही रहती है। इसका काम भी जून 2022 तक पूरा होना था और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रगति मैदान सुरंग मार्ग सहित पांच अंडरपास के साथ किया जाना था। लेकिन काम पूरा न होने के कारण जुलाई 2023 में यमुना की बाढ़ का पानी इसमें भर गया।
उस समय तक इस अंडरपास के एक तरफ की सड़क बनकर तैयार हो गई थी। जिस बॉक्स पुशिंग तकनीक से इसका निर्माण किया जा रहा था, उसके कारण बाढ़ के कारण इसके कई बॉक्स ज़मीन में धँस गए। 110 मीटर लंबाई में से अब केवल 28 मीटर का काम बाकी है। इसके निर्माण में 80 प्रतिशत राशि केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय खर्च कर रहा है, जबकि 20 प्रतिशत धनराशि आईटीपीओ से प्राप्त हो रही है।
ऐसे होगा काम
- पहले से धंसे बॉक्स को नहीं हटाया जाएगा
- चौड़ाई 11.5 मीटर से घटाकर 6.25 मीटर की जाएगी
- ऊंचाई 5.5 मीटर से घटाकर 3.9 मीटर की जाएगी
- अंडरपास का उपयोग अब केवल हल्के मोटर वाहनों के लिए किया जाएगा
- यह दो लेन का होगा।
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