गैस गीजर के प्रयोग में बरतें सावधानी : जिले सिंह लाकड़ा
गैस गीजर के इस्तेमाल के दौरान बाथरूम में कॉर्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनती है। वेंटीलेशन होने पर यह गैस बाहर चली जाती है। अगर वेंटीलेशन न हो तो यह गैस बाथरूम से बाहर नहीं निकलती है जो परेशानी भरी हो सकती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि गीजर का स्विच लगातार ऑन न रहें इससे गीजर के फटने का भी खतरा रहता है।

दिन-ब-दिन सर्दी बढ़ती जा रही है। ठंड बढ़ने के कारण घरों में गैस गीजर का प्रयोग भी बढ़ रहा है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि गैस गीजर का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए ताकि कोई दुर्घटना न हो। एक्सपर्ट कहते हैं कि गैस गीजर का प्रयोग करते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि बाथरूम में वेंटीलेशन बेहतर हो। कई बार वेंटीलेशन न होने की वजह से घटनाएं हो जाती है। इसकी वजह से लोगों की जान तक चली गई। इन बातों का हमें अवश्य ध्यान रखना चाहिए। यह बात दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर सेफ्टी एंड इंजीनियरिंग के निदेशक जिले सिंह लाकड़ा ने कही।
उन्होंने कहा कि गैस गीजर के इस्तेमाल के दौरान बाथरूम में कॉर्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनती है। वेंटीलेशन होने पर यह गैस बाहर चली जाती है। अगर वेंटीलेशन न हो तो यह गैस बाथरूम से बाहर नहीं निकलती है जो परेशानी भरी हो सकती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि गीजर का स्विच लगातार ऑन न रहें इससे गीजर के फटने का भी खतरा रहता है। लाकड़ा ने कहा कि बिजली के उपकरणों के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए।
जिले सिंह लाकड़ा बताते हैं कि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घरों में वायरिंग के दौरान बिजली के तार उच्च गुणवत्ता वाले हो। कई लोग सस्ते के चक्कर में मानकों के अनुरूप तारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इससे आग लगने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसके अलावा घर के मुख्य दरवाजों पर किसी प्रकार का अवरोधक न रखें। अगर अवरोध होगा तो कठिन परिस्थिति के दौरान घर से निकलने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा घर की बाल्टी में हमेशा पानी भरकर रखें, ऐसे में जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल कर सकें। आजकल इलेक्ट्रॉनिक सामानों का उपयोग पहले की अपेक्षा ज्यादा किया जाता है।
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लाकड़ा कहते हैं कि फायर डिपार्टमेंट से जुड़ना एक कामयाब करियर के साथ साथ जनसेवा भी है। फायर फाइटर्स का मुख्य काम होता है आग लगने के कारणों का पता लगाना और उसे रोकने के उपायों का विषलेशण करना। फायर फाइटिंग सिविल, इलेक्ट्रीकल, एंवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग से जुड़ा क्षेत्र है। मसलन आग बुझाने के यंत्रों की तकनीकी जानकारी, स्प्रिंक्लर सिस्टम, अलार्म, पानी की बौछार का सबसे स्टीक इस्तेमाल, कम से कम समय और कम से कम संसाधनों में ज्यादा से ज्यादा जान और काम की रक्षा करना उसका उद्देश्य होता है।

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