बीबीसी डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग: NSUI नेता के खिलाफ जारी आदेश को रद्द करने के फैसले को DU ने दी चुनौती
वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर परिसर में एक विवादास्पद बीबीसी डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में संलिप्तता के लिए एक एनएसयूआइ नेता लोकेश चुग को एक साल के लिए प्रतिबंधित करने के आदेश को रद करने के एकल पीठ के निर्णय को डीयू ने चुनौती दी है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने लोकश चुग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। BBC Documentary : वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर परिसर में एक विवादास्पद बीबीसी डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में संलिप्तता के लिए एक एनएसयूआइ नेता लोकेश चुग को एक साल के लिए प्रतिबंधित करने के आदेश को रद करने के एकल पीठ के निर्णय को डीयू ने चुनौती दी है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने लोकश चुग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
क्या है मामला?
आरोप है कि चुग की स्क्रीनिंग में संलिप्तता थी और इसी के लिए डीयू ने उन्हें एक साल के लिए प्रतिबंधित किया था। इस आदेश को लोकश चुग ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
27 अप्रैल को चुग को राहत देते हुए एकल पीठ ने यह कहते हुए डीयू का आदेश रद कर दिया था कि यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है।
एकल पीठ के निर्णय को चुनौती देते हुए डीयू ने तर्क दिया है कि एकल पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के बावजूद चुघ डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जगह पर मौजूद थे।
यह भी तर्क दिया कि वीडियो फुटेज से यह भी स्पष्ट है कि छात्र तख्तियों/पोस्टरों का उपयोग कर रहे थे और यह विरोध सोच-समझकर और पूर्व-योजनाबद्ध तरीके से आयोजित किया गया था।
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