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    Delhi Bulldozer Action: DDA के एक्शन से बेघर हुए 400 परिवार, मद्रासी कैंप की झुग्गियों की वजह से होता था जलभराव

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 08:01 AM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली का बारापुला नाला जो मानसून में जलभराव का कारण बनता था अब झुग्गियां हटने से साफ हो सकेगा। इस नाले से कई छोटे नाले जुड़े हैं जिनकी सफाई बाधित थी। झुग्गियों के हटने से डिफेंस कॉलोनी गोल्फ लिंक और लुटियंस जैसे इलाकों में जलभराव से राहत मिलेगी। पिछले साल भारी वर्षा के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए थे।

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    मद्रासी कैंप की झुग्गियों को ध्वस्त किया गया। फोटो- जागरण

    मुहम्मद रईस, दक्षिणी दिल्ली। बारापुला नाला नजफगढ़ के बाद दिल्ली का दूसरा सबसे बड़ा नाला है। लगभग 16 किलोमीटर लंबे इस नाले से दर्जनों छोटे-बड़े नाले जुड़े हैं, जिनमें कुशक और सुनहरी नाला भी हैं। कुशक नाला जहां चिराग दिल्ली, ग्रेटर कैलाश, डिफेंस कॉलोनी का ड्रेन लेकर इसमें मिलता है तो वहीं सुनहरी नाला भारती नगर, लुटियंस, गोल्फ लिंक के ड्रेन की निकासी सुनिश्चित करता है।

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    नहीं हो पा रही थी नाले की सफाई

    मद्रासी कैंप की झुग्गियों के एक तरफ बारापुला नाला तो दूसरी तरफ रेलवे ट्रैक है। झुग्गियों की वजह से नाले के इस हिस्से में सफाई के लिए बड़ी मशीनें नहीं उतर पाती थीं और पूरी तरह गाद या मलबा नहीं निकल पाता।

    मानसून में यहां नाले का प्रवाह बाधित होने से पानी बैक होने लगता। इससे डिफेंस कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश ही नहीं गोल्फ लिंक और लुटियंस जैसे प्रमुख इलाकों में भी जलभराव की स्थिति बनती।

    वर्षा का पानी पास होने में घंटों लगते। झुग्गियां हटने के बाद अब इस हिस्से को बेहतर तरीके से सफाई हो सकेगी और इस मानसून एक बड़े क्षेत्र को जलभराव जैसी समस्या से राहत मिलने की संभावना है।

    एक ही दिन में हुई थी 200 मिमी से अधिक की वर्षा

    पिछले वर्ष 28 जून को एक ही दिन में 200 मिमी से अधिक की वर्षा दर्ज की गई थी। मद्रासी कैंप के पास बारापुला नाले का प्रवाह बाधित होने के चलते दक्षिण और मध्य दिल्ली का बड़ा हिस्सा जलमग्न हुआ था। नाले से पानी बैक होने से मद्रासी कैंप में ही चार से पांच फीट तक पानी भरा था।

    झुग्गियों के नाले में समा जाने का खतरा बन गया था। इसके अलावा जंगपुरा, लाजपत नगर, निजामुद्दीन और चिराग दिल्ली जैसे इलाकों से जलभराव के चलते यातायात प्रभावित हो गया था। वहीं सुनहरी पुल नाले के जरिए पानी बैक होकर लुटियंस तक पहुंचा था और जलभराव की स्थिति बनी थी।

    आस-पास के भारती नगर और गोल्फ लिंक भी इससे प्रभावित हुए। सराय काले खां के पास बारापुला नाला यमुना में मिलता है। इससे डेढ़ किलोमीटर पहले जंगपुरा में मद्रासी कैंप के पास नाले के प्रवाह में अड़चन लगभग हर मानसून में ऐसी स्थिति का कारण बनती थी।

    कार्रवाई के बाद कुछ ने आस-पास ही सिर छिपाया

    ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले ही फ्लैट मिलने से वंचित लोगों में ज्यादातर दक्षिणी दिल्ली में अपने रिश्तेदारों या परिचितों के पास रहने के लिए चले गए। कुछ वहीं डटे रहे। कार्रवाई के बाद जब टीम लौट गई तो जहां-तहां सिर छिपाया। मद्रासी कैंप के स्थान पर अब समतल जमीन बची है। सुरक्षा और फिर से कोई यहां न आने पाए इसके लिए पुलिस बल रात में भी मौके पर तैनात रही।

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