Bansi Kaul Death News: बंसी निष्प्राण, शोक की धुन में डूबा रंगमंच
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक रहे बंसी कौल ने भोपाल में रंग विदूषक के नाम से संस्था बनाई थी। वे कहते थे थिएटर ऐसी विधा है जिसमें नृत्य गायन वादन ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रख्यात रंगकर्मी व वर्ष 2014 में पद्मश्री से सम्मानित बंसी कौल (72) ने शनिवार को द्वारका सेक्टर-7 स्थित अपने आवास पर सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके स्वजन ने बताया वह कैंसर से पीड़ित थे। द्वारका सेक्टर-7 स्थित सतीसर अपार्टमेंट में वे अपनी पत्नी अंजना पुरी के साथ रहते थे। रविवार को मंगलापुरी स्थित शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बंसी कौल का जन्म श्रीनगर में हुआ था। वह एक मशहूर थिएटर आर्टिस्ट, निर्देशक व डिजाइनर थे।
विधा है थिएटर
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक रहे बंसी कौल ने भोपाल में रंग विदूषक के नाम से संस्था बनाई थी। वे कहते थे थिएटर ऐसी विधा है, जिसमें नृत्य, गायन, वादन समेत तमाम अहम कलाएं एक साथ उपयोग होती हैं। कौल बेहतरीन डिजाइनर थे। उन्होंने फ्रांस, स्विटजरलैंड, चीन सहित अन्य देशों में भारतीय उत्सवों को लेकर आयोजित कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की थी।
कई सम्मानों से नवाजे गए थे कौल
कौल को पद्मश्री, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, बी वी करांथ स्मृति पुरस्कार, कालिदास सम्मान के अलावा अन्य पुरस्कारों से नवाजा गया था। एनएसडी के कार्यवाहक निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने कहा ‘बंसी कौल के निधन से हम सभी ने एक बेहतर थियेटर डायरेक्टर, डिजाइनर को खो दिया है।
बंसी कौल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता
अंधा युग, रंग बिरंगे जूते, आला अफसर उनके चर्चित नाटकों में से हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। ’ नाटक निर्देशक राज नारायण दीक्षित ने कहा कि भारतीय रंगमंच खासकर उत्तर भारत में एक पूरी पीढ़ी को तैयार करने में बंसी कौल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उनके रंगमंच और उससे इतर उनके कार्यों का मूल्यांकन होना चाहिए।

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