दिल्ली साइबर धोखाधड़ी मामले में सुरेश कुमार जैन को नहीं मिली जमानत, पढ़ें 1.54 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की दास्तान
पटियाला हाउस कोर्ट ने साइबर धोखाधड़ी मामले में सुरेश जैन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। उन पर 1.54 करोड़ रुपये की आरओएससीटीएल स्क्रिप्ट्स के फर्जीवाड़े का आरोप है। कोर्ट ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं और जमानत देने से जांच प्रभावित होने की आशंका जताई है। पहले हाईकोर्ट से मिली सशर्त जमानत भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज होने के बाद समाप्त हो गई।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने साइबर धोखाधड़ी और काॅर्पोरेट जालसाजी से संबंधित मामले में आरोपित सुरेश कुमार जैन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। इस फर्जीवाड़े में आरोपित पर करीब 1.54 करोड़ रुपये की आरओएससीटीएल (रेमिशन आफ स्टेट सेस एवं टैक्स ऑन लाॅजिस्टिक्स) सिक्रिप्ट्स का आरोप तय है जो कलरफुल फैशल हब के नाम से जानी जाती हैं।
आरोप है कि सुरेश कुमार जैन ने अपनी कंपनी रेनुजा इंटरप्राइजेज व अन्य सहयोगी फर्मों के माध्यम से 1.54 करोड़ की सिक्रिप्ट्स अवैध रूप से प्राप्त और ट्रांसफर कीं, जिनसे उन्होंने लगभग 1.49 करोड़ की राशि हड़प ली।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ प्रताप सिंह लालेर ने आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए जांच अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे तेजी से इस मामले की निष्पक्ष जांच पूरी करें।
न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि अग्रिम जमानत देने से न्याय की गरिमा, जांच की निष्पक्षता और गवाहों की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।
कोर्ट ने पाया कि आरोपित ने पहले दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त जमानत ली थी, जिसमें एक करोड़ जमा करने की शर्त थी।
इस शर्त को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सुरेश कुमार जैन की याचिका खारिज हो गई। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपनी ही याचिका वापस ले ली, जिससे उन्हें पहले मिली राहत स्वत समाप्त हो गई।
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