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    दिल्ली से कांग्रेस के लिए आ रही बुरी खबर, अब और बड़ा हुआ असंतुष्टों का खेमा; जुड़े पूर्व मंत्री भी

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Sun, 10 Apr 2022 06:49 AM (IST)

    Delhi Politics News दिल्ली के पूर्व उद्योग मंत्री मंगतराम सिंघल शीला दीक्षित के पूर्व संसदीय सचिव नसीब सिंह पूर्व विधायक भीष्म शर्मा पूर्व पार्षद नीतू वर्मा और राजीव वर्मा ने भी कुछ मुद्दों को लेकर आवाज उठाई है।

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    दिल्ली से कांग्रेस के लिए आ रही बुरी खबर, अब और बड़ा हुआ असंतुष्टों का खेमा; जुड़े पूर्व मंत्री भी

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। सदस्यता अभियान के बीच दिल्ली में ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्ति पार्टी के लिए गले का फांस बनती जा रही है। कांग्रेस की बदहाली को लेकर पहले से आक्रोशित नेताओं के सब्र का बांध भी अब टूट गया है, इसीलिए धीरे धीरे असंतुष्टों का खेमा तो बड़ा हो ही रहा है, विरोध के स्वर भी बुलंद होने लगे हैं। इस कड़ी में नया नाम पूर्व उद्योग मंत्री मंगतराम सिंघल, शीला दीक्षित के पूर्व संसदीय सचिव नसीब सिंह, पूर्व विधायक भीष्म शर्मा, पूर्व पार्षद नीतू वर्मा सोईन और राजीव वर्मा का है। ऐसे इसकी आंच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी तक पहुंचना तय है।

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    इन सभी नए और पुराने असंतुष्ट नेताओं ने शनिवार को सिविल लाइंस स्थित एक क्लब में बैठक की। बैठक में पूर्व विधायक सुरेंंद्र कुमार, पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत, मोहम्मद उस्मान, हरिकिशन जिंदल एवं पूर्व निगम पार्षद राजीव वर्मा भी मौजूद रहे। इन सभी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई कि दिल्ली में पहले से ही हाशिये पर जा रही कांग्रेस में अभी भी कुछ नेता मनमर्जी का रवैया चला रहे हैं।

    बैठक में सामने आया कि सर्वप्रथम ताे सदस्यता अभियान के बीच ब्लाक अध्यक्ष नियुक्त किए ही नहीं जा सकते। इस पर भी हैरत की बात यह कि ऐसे ऐसे लोगों को ब्लाक अध्यक्ष बना दिया गया है जो पार्टी ही छोड़कर जा चुके हैं। अनेक ऐसे लोग हैं जो दूसरी पार्टियों के नेताओं के समर्थन में नारे लगाते रहें हैं तो काफी लोग वो हैं जिन्होंने एक भी सदस्य नहीं बनाया। सभी नेताओं का कहना था कि इन ब्लाक अध्यक्षों से पार्टी मजबूत नहीं बल्कि और कमजोर ही होगी।

    बैठक में यह भी तय हुआ कि कांग्रेस को बचाने के लिए विरोध की यह मुहिम तब तक जारी रहेगी, जब तक सुधार की दिशा में आलाकमान की ओर से कोई अहम कदम नहीं उठाया जाता। इस सप्ताह असंतुष्टों का यह खेमा केंद्रीय चुनाव समिति के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री, समिति के सदस्य अरविंदर सिंह लवली, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजय माकन और प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से भी मिलेगा। इसके अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से भी मुलाकात का समय मांगा गया है। इनसे मिलकर दिल्ली कांग्रेस के हालात से अवगत कराया जाएगा और बदलाव की गुहार लगाई जाएगी।

    नसीब सिंह (पूर्व विधायक एवं पूर्व एआइसीसी सचिव) का कहना है कि  प्रदेश कांग्रेस में जो हो रहा है, उससे पार्टी का रहा सहा वजूद भी खत्म होने में देर नहीं लगेगी। दुखद यह कि पुत्र मोह में दिल्ली के अनेक बड़े नेताओं ने भी आंखें मूंद रखी हैं। अब उन सभी को जगाया जाएगा और इस मुहिम को किसी निर्णयात्मक मोड़ तक ले लाया जाएगा।

    वहीं, मंगतराम सिंघल (पूर्व मंत्री, दिल्ली सरकार) के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस की स्थिति पर चिंता जायज है। सदस्यता अभियान के बीच ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्त बिल्कुल असंवैधानिक है। हम लोग जल्द ही बड़े नेताओं से मिलेंगे और इस मसले पर अपनी बात रखेंगे।