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    70 विधानसभाओं में दौड़ रही आयुष्मान कार्ड बनाने वाली गाड़ी, तेजी से बनाया जा रहा बुजुर्गों का कार्ड

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 08:00 PM (IST)

    दिल्ली में 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने का विशेष अभियान चल रहा है। 70 विधानसभा क्षेत्रों में मोबाइल गाड़ियां घर-घर जाकर मुफ्त कार्ड बना रही हैं। मध्य दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 200 कार्ड बन रहे हैं। आशा वर्कर भी इस कार्य में सहयोग कर रही हैं जिससे योजना की पहुंच और भी बढ़ गई है।

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    70 विधानसभाओं में दौड़ रही आयुष्मान कार्ड बनाने वाली गाड़ी

    लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 70 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों के लिए एक विशेष पहल के तहत 70 विधानसभा क्षेत्रों में 70 विशेष गाड़ियां आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए दौड़ रही हैं, जिनके माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान कार्ड निशुल्क बनाए जा रहे हैं।

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    यह पहल खासतौर पर उन बुजुर्गों के लिए शुरू की गई है जो स्वास्थ्य कारणों या शारीरिक असमर्थता की वजह से कार्ड बनाने के लिए निर्धारित केंद्रों तक नहीं पहुंच सकते।

    गर्मी के मौसम को देखते हुए यह योजना उन लोगों के लिए भी राहत लेकर आई है जो भीषण गर्मी के चलते केंद्र तक नहीं जा पा रहे थे। इन मोबाइल यूनिट्स के जरिए अब घर-घर जाकर बुजुर्गों के कार्ड बनाए जा रहे हैं।

    लोगों को जानकारी देने के साथ ही कार्ड बनाने में की जा रही मदद

    मध्य दिल्ली के अतिरिक्त जिलाधिकारी डॉ. अतुल पांडे ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रतिदिन लगभग 200 के करीब बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनके अलावा आशा वर्कर की महिलाओं के सहयोग से मुहिम दिल्ली में ओर भी तेज होने वाली है।

    नई दिल्ली जिले में भी इसी प्रकार की प्रक्रिया अपनाई जा रही है और लोगों को योजना के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जो लोग अभी तक इस योजना से अनभिज्ञ हैं, उन्हें न केवल योजना की जानकारी दी जा रही है, बल्कि उनका कार्ड बनाने में भी सहायता की जा रही है।

    आशा वर्करों का मिलेगा योगदान

    इस अभियान में आशा वर्कर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। दिल्ली सरकार द्वारा 400 से अधिक आशा वर्करों को इस कार्य के लिए मंजूरी दी गई है।

    इन सभी को जल्द ही आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे आयुष्मान कार्ड बनवाने में बुजुर्गों की मदद कर सकेंगी। इसके लिए आशा वर्करों को उचित मानदेय भी दिया जाएगा।

    यह अभियान न केवल बुजुर्गों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि आयुष्मान भारत जैसी महत्वाकांक्षी योजना को ज़मीनी स्तर पर लागू करने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।

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