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    Delhi Auto Fare: दिल्ली में जल्द महंगी होगी आटो व टैक्सी की सवारी, किराये में वृद्धि के प्रस्ताव को मिली सैद्धांतिक मंजूरी

    By Pradeep Kumar ChauhanEdited By:
    Updated: Thu, 22 Sep 2022 05:05 AM (IST)

    Delhi Auto Fare वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार किराये में वृद्धि के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है इसकी फाइल अभी वित्त विभाग में है।जल्द ही इसे स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।उसके बाद इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने पेश किये जाने की संभावना है।

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    Delhi Auto Fare: सरकार ने अप्रैल में 13 सदस्यीय किराया संशोधन समिति बनाई थी।

    नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला]। Delhi Auto Fare:दिल्ली में आटो रिक्शा, टैक्सी से सफर करना जल्द महंगा हो सकता है।तिपहिया वाहन के लिए प्रति किलोमीटर पर किराये में डेढ़ रूपये तथा टैक्सियों के लिए आधार शुल्क (बेस फेयर) में 15 रुपये की वृद्धि के साथ ही आटो रिक्शा एवं टैक्सी का भाड़ा शीघ्र बढऩे जा रहा है।इस मामले में गठित समिति करीब दो माह पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी है।जिससे सरकार सहमत है।

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    दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार किराये में वृद्धि के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है, इसकी फाइल अभी वित्त विभाग में है।जल्द ही इसे स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।उसके बाद इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने पेश किये जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि जल्द ही किराये में बढ़ोत्तरी लागू हो जाएगी।अधिकारियों के अनुसार सीएनजी के दाम बढऩे के कारण किराये में बढ़ोत्तरी की जरूरत उत्पन्न हुई है।

    सरकार ने अप्रैल में 13 सदस्यीय किराया संशोधन समिति बनाई थी। समिति ने तिपहिया वाहनों के लिए किराये में प्रति किलोमीटर एक रूपये की वृद्धि और टैक्सियों के किराये में 60 प्रतिशत तक वृद्धि की सिफारिश की थी। अधिकारियों ने कहा कि आटो रिक्शा के लिए मीटर डाउन शुल्क पहले के 25 रूपये आधार शुल्क से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया जाएगा तथा उसके बार प्रति किलोमीटर साढ़े नौ रूपये के बजाय 11 रुपये वसूला जाएगा।

    इसी प्रकार टैक्सियों के लिए मीटर डाउन शुल्क अब 25 के बजाय 40 रूपये होगा तथा गैर एसी टैक्सियों के लिए प्रति किलोमीटर 14 रुपये के बजाय 17 रुपये तथा एसी टैक्सियों के लिए 16 के बजाय 20 रुपये देने होंगे। एप आधारित संचालकों ने पहले ही किराया बढ़ा दिया था जबकि आटोरिक्शा एवं टैक्सियों के किराये में संशेाधन नहीं हुआ था जो सरकार के निमयों से संचालित होते हैं।