Delhi Chunav Result: AAP का चौथी बार सरकार बनाने का सपना टूटा, हार पर क्या बोलीं केजरीवाल की बहन?
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Chunav Result) में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। आप की हार पर केजरीवाल की बहन डॉ. रंजना गुप्ता ने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है। आइए जानते हैं कि आम आदमी पार्टी से इस चुनाव में आखिर कहां चूक हो गई।

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी का दिल्ली में चौथी बार सरकार बनाने का सपना चकनाचूर हो गया है। स्थिति यह हुई कि अपने प्रमुख योद्धाओं के साथ आप संयोजक अरविंद केजरीवाल स्वयं अपनी सीट भी नहीं बचा पाए।
जो पार्टी 50 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में आने की बात कर रही थी, वह मात्र 22 सीटों पर ही सिमट गई है।दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार पर अरविंद केजरीवाल की बहन डॉ. रंजना गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
(3).jpg)
उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत तो होती रहती है। आम आदमी पार्टी और भाई अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में अपनी बात और अपने काम के नाम पर वोट मांगने का पूरा प्रयास किया। चुनाव में भाजपा ने जनता से वही वादे किए थे जो काम आप ने पिछले 10 वर्षों में दिल्ली में किए।
बड़े नेता नहीं बचा पाए अपनी सीट
इस चुनाव में मुख्यमंत्री आतिशी, मंत्री गोपाल राय, इमरान हुसैन और विधायक अमानतुल्लाह को छोड़ दें तो आप के अन्य नेता प्रमुख अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। मुख्य रूप से देखा जाए तो भ्रष्टाचार का ही आरोप केजरीवाल के गले पड़ गया है। दिल्ली विधानसभा के इस चुनाव की बात करें तो यह बात साफ हो जाती है कि इसमें अरविंद केजरीवाल के सभी प्रयास विफल रहे।
(1).jpg)
चुनाव परिणामों के बाद आप मुख्यालय में पसरा सन्नाटा। फोटो हरीश कुमार
आम आदमी पार्टी से कहां हो गई चूक?
या यूं कहें कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए जो जो तरीके अपनाए वह उन्हें उल्टे पड़ते गए। जहां तक चुनाव की बात है तो आम आदमी पार्टी ने चुनाव जीतने की रणनीति अपनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तीन महीने पहले की आप चुनाव में उतर गई थी। इसके साथ ही अपने अलग-अलग चुनाव घोषणा पत्र जारी होने से पहले अलग-अलग गारंटियों को जारी कर भी जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।
इसमें मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना से लेकर बुजुर्गों को मुफ्त इलाज, छात्रों को डीटीसी बस में मुफ्त यात्रा से लेकर मेट्रो में 50% डिस्काउंट के साथ यात्रा करने जैसे मुद्दे शामिल थे।
केजरीवाल के गले पड़ा भ्रष्टाचार का आरोप
आप की हार का विश्लेषण करें तो इसमें जिन प्रमुख कारण से केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा है उनमें सबसे प्रमुख केजरीवाल की छवि पर लगे दाग को मुख्य कारण माना जा रहा है। केजरीवाल इस मुद्दे पर लाख सफाई देते रहे, मगर किसी ने उनकी बात नहीं मानी।
कब खुला था आबकारी घोटाला?
राजनीति के जानकारों की मानें तो केजरीवाल और उनकी पार्टी की दिल्ली में जो हालत हुई है, इसकी नींव 2022 में ही रख गई थी। अतीत में जाएं तो 22 जुलाई 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने आबकारी घोटाला की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
इस मामले में केजरीवा, सिसोदिया समेत कई गिरफ्तारियां और मामला अब भी अदालत में है और उन पर लगा भ्रष्टाचार का दाग नहीं धुल सका है। इसके अलावा शीशमहल सहित पानी की कमी, गंदा पानी, सीवर जाम और टूटी सड़कों के कारण लोगों में नाराजगी भी आप की हार के कारणों में शामिल है।
जनता विकास के कार्य ठप हो जाने से परेशान थी और काम न होने के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराए जाने को भी उसने उचित नहीं माना है। यमुना के पानी में जहर मिलाने की बात कहने से अपनी ही फजीहत होने से भी आप के चुनाव प्रचार पर असर पड़ा है।
धरी रह गई जीत के जश्न की तैयारी
जीत का जश्न मनाने की आप मुख्यालय के बाहर दो-दो बड़ी बड़ी स्क्रीन लगाई गई थीं, गाने बजाने के लिए बड़े-बड़े स्पीकर वाले साउंड सिस्टम लगाए गए थे।
.jpg)
विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद आप मुख्यालय में लगाए गए मंच को हटाते श्रमिक। फोटो- हरीश कुमार
सुबह लोग खुशी मनाने के लिए भी वहां पहुंचे थे, मगर चुनाव परिणाम से माहौल आप के खिलाफ हुआ तो, कार्यकर्ताओं का जोश भी ठंडा होता गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।