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    राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद केंद्र पर बरसे केजरीवाल, कहा- PM सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनते

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Mon, 07 Aug 2023 10:36 PM (IST)

    Delhi Service Bill Passed in Rajya Sabha लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी दिल्ली सेवा बिला पास हो गया है। बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न ही जनता की सुनते हैं ना ही देश की मानते हैं और ना ही सुप्रीम कोर्ट की सुनते हैं।

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    राज्यसभा से दिल्ली सेवा बिल पास होने पर केंद्र पर बरसे दिल्ली के सीएम केजरीवाल।

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी दिल्ली सेवा बिला पास हो गया है। बिल पास होने से पहले पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई थी। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न ही जनता की सुनते हैं, ना ही देश की मानते हैं और ना ही सुप्रीम कोर्ट की सुनते हैं।

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    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने सोमवार को संसद में दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला गैर-संवैधानिक कानून पास करा कर दिल्ली के लोगों के वोट और अधिकारों का अपमान किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानते। जनता ने साफ कहा था कि केंद्र उन्हें हराकर दिल्ली में दखल न दे, लेकिन पीएम जनता की सुनना ही नहीं चाहते।

    दिल्ली सेवा विधेयक पास होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन रहा। मोदी सरकार ने दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक पास कर दिया।

    यह कानून अंग्रेजों द्वारा 1935 में लाए गए गवर्नमेंट आफ इंडिया कानून जैसा है। दिल्ली के लोग अपनी पसंद की सरकार तो चुनेंगे, लेकिन उस सरकार को काम करने की कोई शक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा, एक तरह से पीएम कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जो मर्जी आदेश पास करे, अगर मुझे पसंद नहीं आया, तो कानून बनाकर उसे पलट दूंगा। सीएम ने कहा कि जब इन लोगों को लगा कि आप को हराना मुश्किल है, तब इन्होंने चोर दरवाजे से अध्यादेश लाकर दिल्ली की सत्ता हथियाने की कोशिश की है। दिल्लीवासियों ने वर्ष 2015 और 2020 में हमारी सरकार बनाई, क्योंकि मैं दिल्ली का बेटा हूं, जबकि मोदी जी दिल्ली के नेता बनना चाहते हैं। दिल्लीवासियों को अपना बेटा पसंद है।

    विकास कार्यों में बाधा डालती है केंद्र- केजरीवाल

    सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, "मैं जो भी करता हूं, दिल्ली की जनता उसका समर्थन करती है और उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है। बीजेपी सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है। वे विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार जनता उन्हें कोई सीट नहीं जीतने देगी।"

    पक्ष में पड़े 131 वोट

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया था। सदन में पक्ष और विपक्ष की जोरदार बहस के बाद विधेयक पास कर दिया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बिल के पक्ष में कुल 131 वोट पड़े। जबकि इसके विरोध में सिर्फ 102 वोट ही डाले गए। इससे पहले सदन में बिल को लेकर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ।

    लोकसभा में बिल 3 अगस्त को हुआ पास

    दिल्ली की सेवाओं से जुड़ा विधेयक ध्वनिमत से लोकसभा से पास हो गया। नवगठित विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए ने एकजुट होकर विधेयक का विरोध किया तो वहीं राजग के साथ-साथ बीजद, वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने इसका पुरजोर समर्थन किया।

    19 मई को केंद्र लेकर आई थी अध्यादेश

    अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण के अधिकार को लेकर 11 मई को दिल्ली सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया। निर्णय आते ही अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सेवा सचिव व सतर्कता सचिव के साथ ही मुख्य सचिव को हटाने की मांग रख दी।

    संवैधानिक व्यवस्थाओं के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाने लगा, जिससे कि मुख्यमंत्री आवास सहित अन्य घोटालों की फाइल मंत्रियों को सौंप दी जाएं। 16 व 17 मई की मध्यरात्रि में सतर्कता सचिव कार्यालय के ताले तोड़ कर फाइलें गायब करने का प्रयास हुआ।

    अधिकारियों के साथ ही उपराज्यपाल पर भी तथ्यहीन आरोप लगाने लगे। मुख्यमंत्री व मंत्रियों के व्यवहार से अधिकारियों के लिए काम करना मुश्किल हो गया। इन परिस्थितियों में राजधानी की गरिमा एवं संवैधानिक व्यवस्थाओं को बनाए रखने के केंद्र सरकार को 19 मई दिल्ली सेवा संशोधन अध्यादेश लाना पड़ा था।