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महागठबंधन को लेकर बदला केजरीवाल का मन! यूपी के एक दल की महिला नेत्री से मिले

केजरीवाल ने कुछ महीने पहले हरियाणा में पत्रकारों से मुखातिब होने के दौरान महागठबंधन को खारिज करते हुए इसे अप्रासंगिक बताया था और इससे दूरी बनाने की बात कही थी

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 08:32 AM (IST)
महागठबंधन को लेकर बदला केजरीवाल का मन! यूपी के एक दल की महिला नेत्री से मिले
महागठबंधन को लेकर बदला केजरीवाल का मन! यूपी के एक दल की महिला नेत्री से मिले

नई दिल्ली, जेएनएन। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए गैर भाजपा राजनीतिक दलों द्वारा महागठबंधन बनाने के प्रयास में आम आदमी पार्टी के संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। हालांकि, कुछ महीने पहले हरियाणा में पत्रकारों से मुखातिब होने के दौरान उन्होंने महागठबंधन को खारिज करते हुए इसे अप्रासंगिक बताते हुए इससे दूरी बनाने की बात कही थी, लेकिन लगता है अब केजरीवाल का मन डोलता नजर आ रहा है। 

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यही वजह है कि शनिवार को अपना दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक हलचल और महागठबंधन को लेकर चर्चा की। जानकारी के अनुसार, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह से मिलने के बाद कृष्णा पटेल ने केजरीवाल से मिलने की इच्छा जताई थी।

चंद्रबाबू से मिल सकते हैं केजरीवाल

वहीं सोमवार को केजरीवाल की आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से भी मुलाकात की योजना है। नायडू और केजरीवाल कुछ समय पहले भी बैठक कर चुके हैं। बता दें कि चंद्रबाबू नायडु और अरविंद केजरीवाल के संबंध काफी मधुर हैं और दोनों में कई बार सौहार्द्रपूर्ण मुलाकातें हो चुकी हैं।

तीन लोस क्षेत्र प्रभारियों को संपर्क अभियान में तेजी लाने का निर्देश

राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पार्टी द्वारा बनाए गए लोकसभा क्षेत्र प्रभारियों के कामों पर भी नजर रखी जा रही है। उनकी हर माह रिपोर्ट भी देखी जा रही है। इनके काम को देखते हुए पार्टी ने छह लोकसभा क्षेत्र प्रभारियों में से तीन को काम सुधारने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि लोगों से सीधे संपर्क बढ़ाया जाए।

बता दें कि पार्टी ने पश्चिमी दिल्ली लोकसभा को छोड़कर अन्य सभी छह लोकसभा क्षेत्रों में प्रभारी बनाए हैं। संभावना है कि इन्हें ही लोकसभा चुनाव में उतारा जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चांदनी चौक, नई दिल्ली और उत्तरी पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र में डोर टू डोर अभियान तेज करने की जरूरत है। इनके प्रचार अभियान व लोगों से संपर्क करने में कुछ कमी है, इसे सुधारना होगा। इस बारे में पार्टी की ओर से प्रभारियों से कहा गया है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने हाल ही में प्रभारियों के साथ बैठक कर संपर्क अभियान को सुधारने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री ने डोर टू डोर व अन्य अभियान की कमजोर पकड़ को लेकर नाराजगी भी जाहिर की। साथ ही अभियान में तेजी लाने को कहा।
 

आज से शुरू होगा अभियान

दिल्ली के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दिलाने के लिए सोमवार से दिल्ली सरकार विशेष अभियान शुरू करेगी। अभियान के तहत श्रम मंत्री गोपाल राय विभाग की प्रवर्तन टीम को विशेष अभियान के लिए हरी झंडी दिखाएंगे। अशोक विहार से शुरू होने वाले दस दिवसीय अभियान में प्रवर्तन टीम विभिन्न क्षेत्रों में जाकर पता लगाएगी कि मजदूरों को नियम के तहत वेतन दिया जा रहा है या नहीं।

आइ कैन 19 अभियान’ से आम जनता को जोड़ेगी स्वराज इंडिया पार्टी

वहीं स्वराज इंडिया ने स्पष्ट किया है कि वह महागठबंधन से दूर रहकर अपने दम पर लोकसभा चुनाव में उतरेगी। पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने लोकसभा को ध्यान में रखते हुए ‘आइ कैन 19 अभियान’ की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में अलग-अलग पार्टियों की अपनी टीम होगी, लेकिन हम एक ‘टीम इंडिया’ बनाएंगे।

प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि इस अभियान के मुद्दे, समाधान और उम्मीदवार, कुछ भी स्वराज इंडिया नहीं, देशवासी यह तय करेंगे। 2019 के चुनाव का मुद्दा या तो किसान और नौजवान होगा या हिंदू-मुसलमान। अगर यह चुनाव किसान और नौजवान के मुद्दों पर लड़ा जाएगा तो देश आगे बढ़ेगा। इसके विपरीत हिंदू-मुसलमान को लड़ाकर चुनाव होता है तो जो भी जीते, भारत हारेगा।

देशवासियों को पत्र लिखकर राजनीतिक हस्तक्षेप को कहा

उन्होंने देशवासियों के नाम एक पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव में राजनीतिक हस्तक्षेप करने की अपील की।  स्वराज इंडिया के कार्यकारी अध्यक्ष अजीत झा ने कहा कि देश की राजनीति आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर है। लोगों के असल मुद्दों को गौण किया जा रहा है। उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम वी ने कहा कि इस अभियान के जरिए देशवासी स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार को चुनकर संसद भेजने में मदद कर सकते हैं।

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने कहा कि किसानों की ऐतिहासिक एकजुटता के बाद देश अब युवा आंदोलन के लिए तैयार हो रहा है। बेरोजगारी और नौकरियों में भ्रष्टाचार को लेकर युवाओं में भारी आक्रोश पनप रहा है। महासचिव अविक साहा ने कहा कि हाल ही में हुए किसान मुक्ति मार्च से यह स्पष्ट हो गया कि देश का किसान अपनी एकता और एकजुटता के जरिए सरकार व विपक्षी पार्टियों को दबाव में ला सकता है।


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