अंकित की तेरहवीं पर बाेले पिता- 'प्लीज गेम मत खेलो', सभा छोड़कर गए केजरीवाल
कपिल ने इसका एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें अंकित के पिता पीछे से केजरीवाल को पुकारते रहे और अंत में उन्हें कहना पड़ा कि मेरे साथ गेम मत खेलो।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। सोमवार को दिल्ली के ख्याला में अंकित की तेरहवीं पर शोकसभा में आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजेरीवाल कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर चले गए। उनके जाते ही इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। आप से निष्कासित नेता कपिल मिश्रा ने इसका एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें अंकित के पिता पीछे से केजरीवाल को पुकारते रहे और अंत में उन्हें कहना पड़ा कि मेरे साथ गेम मत खेलो।
आप से निष्कासित नेता कपिल मिश्रा ने इस कार्यक्रम को एक वीडियो शेयर किया है। इसमें कपिल मिश्रा ने लिखा कि, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अंकित सक्सेना की शोक सभा में शामिल होने और उनके परिवार से मिलने उनके घर गए थे, लेकिन वहां उन्होंने जो व्यवहार किया वो बहुत आपत्तिजनक है।'
कपिल के मुताबिक, 'अंकित के परिजनों ने जब कहा की जीवनयापन मुश्किल हो रहा है आप एक सहायता राशि की घोषणा कीजिए तो उनके बोलते हुए ही केजरीवाल सभा से उठ के चल दिए। अंकित के पिता पीछे से उन्हें पुकारते रहे और अंत में उन्हें कहना पड़ा कि मेरे साथ गेम मत खेलो। ये बहुत अपमानजनक है, क्या मुख्यमंत्री वहां उनका अपमान करने गए थे ! शोक सभा से ऐसे नहीँ जाया जाता।'
बता दें कि अंकित की तेरहवीं पर शोकसभा आयोजित की गई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई प्रमुख दलों के नेतागण इस कार्यक्रम में शामिल हुए। केजरीवाल को देख यहां जुटे लोगों ने एक करोड़ मुआवजे की मांग रखी। भी पहुंचे थे। इन लोगों ने दिल्ली सरकार द्वारा अंकित सक्सेना के परिजनों के लिए जिस रकम की घोषणा की गई है उसे लेकर भी विरोध जाताया।
मुआवजे की चर्चा के बीच अरविंद केजरीवाल प्रार्थनासभा बीच में ही छोड़कर चले गए। इसके बाद विपक्षी पार्टियाें को मानो एक सुनहरा मौका मिल गया। प्रार्थना सभा में मौजूद भाजपा नेता व सांसद मनोज तिवारी ने भी केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी अंकित के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की। मनोज तिवारी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार एमएम खान की मौत पर एक करोड़ रुपए दे सकती है तो अंकित सक्सेना के परिवार वालों को क्यों नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार साम्प्रदायिक भेदभाव कर रही है।