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    भारत मंडपम में आरोग्य उत्सव एक्सपो 2025 का भव्य समापन, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मिला वैश्विक मंच

    नई दिल्ली में इंटीग्रेटेड आयुष काउंसिल द्वारा आयोजित आरोग्य उत्सव एक्सपो 2025 का भव्य शुभारम्भ हुआ। इस तीन दिवसीय एक्सपो में आयुर्वेद योग यूनानी सिद्ध होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े अनेक सत्र आयोजित हुए। त्रिपुरा के राज्यपाल इंद्रसेना रेड्डी नल्लू जी ने आयुष पद्धतियों को शिक्षा और जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। विशेषज्ञों ने भारतीय परंपरा और आधुनिक शोध के बीच संतुलन की आवश्यकता बताई।

    By Digital Desk Edited By: Amit Singh Updated: Wed, 27 Aug 2025 05:59 PM (IST)
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    आरोग्य उत्सव एक्सपो 2025 भारत मंडपम में स्वास्थ्य का महाकुंभ

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंटीग्रेटेड आयुष काउंसिल द्वारा आयोजित आरोग्य उत्सव एक्सपो 2025 का भव्य शुभारम्भ 24 अगस्त को भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में हुआ। यह आयोजन देश-विदेश से आए स्वास्थ्य विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं, विद्वानों और नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति में एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ।

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    वैदिक मंत्रोच्चार एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारम्भ हुए इस महोत्सव ने पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिकता से भर दिया। उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथियों ने भारतीय आयुष प्रणालियों को विश्व स्तर पर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

    तीन दिनों तक चले इस एक्सपो में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े अनेक सत्र आयोजित हुए। विशेषज्ञों ने शोध और अनुभव साझा किए, वहीं पंचकर्म, योग-प्रशिक्षण, हर्बल उपचार, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स और निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण जैसे आकर्षक आयामों ने आगंतुकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया।

    सम्मेलन के उद्घाटन करते हुए त्रिपुरा के महामहिम राज्यपाल इंद्रसेना रेड्डी नल्लू जी ने कहा कि समाज की प्रगति नागरिकों के स्वास्थ्य पर निर्भर है। उन्होंने आयुष पद्धतियों को शिक्षा और जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

    डॉ. विपिन कुमार, राष्ट्रीय महासचिव, ने सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि परिषद का उद्देश्य परंपरा और आधुनिकता के संगम से विश्व को स्वास्थ्य की नई दृष्टि देना है।

    अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय योग गुरु डॉ. एच. आर. नागेन्द्र जी ने कहा कि योग और आयुर्वेद केवल उपचार नहीं बल्कि जीवन का विज्ञान हैं। उन्होंने पारंपरिक पद्धतियों और आधुनिक शोध के बीच संतुलन की आवश्यकता बताई।

    मुख्य अतिथि के रूप में वैद्य आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि आयुर्वेद को घर-घर पहुँचाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने भारतीय परंपरा और धरोहर को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का आह्वान किया।

    विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय योग संस्थान के अध्यक्ष देशराज जी ने अपने संबोधन में कहा कि योग भारत की आत्मा है और इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाना ही असली स्वास्थ्य है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे योग को केवल व्यायाम न समझें बल्कि आत्मिक संतुलन और राष्ट्र निर्माण का आधार मानें।

    डॉ. शिष्टा नड्डा जी, अध्यक्ष, इंटीग्रेटेड आयुष कौंसिल, ने घोषणा की कि अब परिषद एलोपैथी विशेषज्ञों के लिए भी खुली होगी। यह कदम एकीकृत स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती प्रदान करेगा। डी. पी. मिश्रा, उपाध्यक्ष, ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

    कार्यक्रम का संचालन प्रो. (डॉ.) राखी मेहरा, संयुक्त सचिव, ने किया, जिसकी उपस्थित जनसमूह ने सराहना की।इस अवसर पर आयुष एक्सीलेंस अवार्ड  डॉ अकिलेश शर्मा ,डॉ हिमांशु वर्मा , डॉ विनोद यादव एवं एम्स के डॉ के अपर्णा शर्मा को मातृशक्ति शिशु कल्याण रत्न सम्मान - 2025 के साथ ही कृषि मंत्रालय के निदेशक डॉ शैलेश कुमार मिश्र को कृषि एवं किसान कल्याण रत्न सम्मान-2025 प्रदान किया गया 

    उद्घाटन समारोह के बाद अतिथियों और आगंतुकों ने पूरे एक्सपो का अवलोकन किया। आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, सिद्ध चिकित्सा पद्धतियों और हर्बल उत्पादों से जुड़े सैकड़ों स्टॉल्स आकर्षण का केंद्र बने। आयुर्वेदिक आहार, पंचकर्म चिकित्सा और योग प्रदर्शन ने लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा दी। ऑर्गेनिक उत्पादों और प्राकृतिक औषधियों को लेकर युवाओं और विदेशी आगंतुकों में विशेष उत्साह देखा गया।

    इस आयोजन में भारतीय योग संस्थान, राज विद्या केंद्र जैसे सहयोगी संगठनों की प्रमुख भूमिका रही। एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से अनेक उद्यमियों और स्टार्टअप्स को मंच मिला, जिससे आयुष आधारित उद्योगों को नई दिशा और गति प्राप्त हुई।

    एक्सपो में लाखों लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया, जिनमें बड़ी संख्या में युवा, शोधार्थी, नीति-निर्माता और विदेशी प्रतिनिधि शामिल थे। आयोजन के अंतर्गत भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं को ‘Transforming India Pavilion’ के माध्यम से प्रदर्शित किया गया, वहीं नेशनल आयुष कॉन्फ़्रेंस का भव्य संचालन हुआ। इसमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और आयुष उद्यमियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

    समापन सत्र में वक्ताओं ने आरोग्य उत्सव एक्सपो को “स्वस्थ भारत – समृद्ध भारत” की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। इंटीग्रेटेड आयुष कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विपिन कुमार ने कहा कि यह आयोजन आयुष प्रणालियों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने और भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

    उत्साहपूर्ण सहभागिता और बहुआयामी गतिविधियों के साथ आरोग्य उत्सव एक्सपो 2025 का सफल समापन हुआ, जिसने यह स्पष्ट संदेश दिया कि “स्वास्थ्य ही सच्चा धन है ।”