अटेंडेंट ने ट्रेन में सफर कर रहे सेना के डॉक्टर जगाया, कहा आ गया दिल्ली, फिर दो टुकड़ों में मिला शव
लखनऊ में दो महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह रविवार को श्रमजीवी एक्सप्रेस में दिल्ली के लिए बैठे थे। इसके कुछ देर बाद उनके मौत की सूचना मिली।
नई दिल्ली, जेएनएन। सेना के डॉक्टर दिवाकर पुरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव सोमवार को सब्जी मंडी इलाके में रेलवे ट्रैक पर दो हिस्सों में पड़ा मिला। पुलिस इसे खुदकशी का मामला मान रही है, जबकि परिजनों ने हत्याकर शव ट्रैक पर फेंके जाने की आशंका जताई है। लखनऊ में दो महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह रविवार को श्रमजीवी एक्सप्रेस में दिल्ली के लिए बैठे थे। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया है।
कैप्टन डॉक्टर दिवाकर पुरी (26) अपने परिवार के साथ दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 में रहते थे। उनके घर में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई है। दिवाकर का करीब ढाई वर्ष पहले आर्मी में डॉक्टर के पद पर चयन हुआ था। उनकी पहली तैनाती राजस्थान के सूरतगढ़ में थी।
वहां से उन्हें करीब दो महीने पहले सात सप्ताह की एक ट्रेनिंग के लिए लखनऊ भेजा गया था। यहां ट्रेनिंग पूरी कर वह रविवार को दिल्ली आने के लिए श्रमजीवी एक्सप्रेस में सवार हुए थे। पुलिस के मुताबिक सोमवार को दिन में 11.20 बजे सदर बाजार के रेलवे ट्रैक पर शव पड़ा होने की उन्हें सूचना मिली। शव रेलवे यार्ड से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर दो हिस्सों में पड़ा था। घटनास्थल पर ही पुलिस को एक बैग मिला। उसमें रखे पहचान पत्र से शव की पहचान डाक्टर दिवाकर पुरी के रूप में हुई।
इसके बाद पुलिस ने परिजनों को जानकारी देकर शव का पोस्टमार्टम कराया। जांच में पुलिस को पता चला है कि कैप्टन श्रमजीवी एक्सप्रेस के कोच एच-1 में सफर कर रहे थे। ट्रेन जब दिल्ली स्टेशन पर पहुंची तो वह सो रहे थे। उन्हें अटेंडेंट वीरेंद्र रमन ने बताया कि ट्रेन दिल्ली पहुंच गई है।
इसके बाद वह चला गया। माना जा रहा है कि वह अपने दो बैग छोड़कर ट्रेन से उतरकर पैदल रवाना हो गए। वहीं ट्रेन जब यार्ड में पहुंची तो अटेंडेंट ने लावारिस बैग देख इसकी सूचना रेलवे पुलिस को दी। यह बैग भी जांच में दिवाकर के ही मिले। पुलिस फिलहाल इसे आत्महत्या मानकर मामले की जांच कर रही है। घटना की जानकारी के लिए रेलवे स्टेशन व आसपास के इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है।
जीएल पुरी बोले, खुदकशी नहीं कर सकता मेरा बेटा
कैप्टन डॉक्टर दिवाकर के पिता जीएल पुरी का कहना है कि उनके बेटे की हत्या की गई है। यदि उन्हें कोई परेशानी होती तो वह जरूर बताते। उन्होंने बताया कि बेटे को कई बार फोन किया था, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। ट्रेन के दिल्ली पहुंचने पर परिजन स्टेशन पहुंचे थे, तो भी फोन नहीं उठा। इस बीच करीब छह घंटे तक स्टेशन और आसपास के इलाके में परिजन उनकी तलाश करते रहे। इसी बीच पुलिस द्वारा दिवाकर का शव ट्रैक पर मिलने की सूचना उन्हें मिली।
प्राथमिक जांच में सेना के अधिकारी द्वारा आत्महत्या किए जाने की बात सामने आई है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। सीसीटीवी कैमरे आदि से घटना की सत्यता का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
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