Book Fair: साहित्य अकादमी में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, बोले- विशेष मौकों पर बुके नहीं, बुक दें
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मुद्रित पुस्तकें हमारे संस्कार और चरित्र निर्माण में सहायक तो होती ही हैं वह हमारे अंदर सकारात्मक निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित करती हैं। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पुस्तक प्रेम के कई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि पुस्तकें ज्ञान का खजाना हैं। विशेष मौकों पर लोगों से मिलते वक्त बुके नहीं बुक देनी चाहिए।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विशेष मौकों पर लोगों से मिलते वक्त बुके नहीं, बुक देनी चाहिए। पुस्तकें ज्ञान का खजाना हैं। प्राचीन काल से अब तक पुस्तकों का महत्त्व कम नहीं हुआ है। हम कितनी भी तकनीकी प्रगति कर लें, लेकिन मुद्रित पुस्तकों का महत्त्व हमेशा बना रहेगा। यह बात केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कही।
मेघवाल शुक्रवार को रवींद्र भवन में साहित्य अकादमी की ओर से आयोजित नौ दिवसीय पुस्तक मेले पुस्तकायन के द्वितीय संस्करण के शुभारंभ के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मेघवाल ने कहा कि मुद्रित पुस्तकें हमारे संस्कार और चरित्र निर्माण में सहायक तो होती ही हैं, वह हमारे अंदर सकारात्मक निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित करती हैं। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पुस्तक प्रेम के कई उदाहरण दिए।
भारतीय साहित्य के एकात्म को प्रदर्शित करता है
साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा, साहित्य अकादमी भारतीय भाषाओं का सबसे बड़ा प्रकाशनगृह है, जो भारतीय साहित्य के एकात्म को प्रदर्शित करता है। ज्ञान आधारित समाज ही सर्वश्रेष्ठ होता है और उसका निर्माण पुस्तकों के सहारे ही संभव है। आज हम पाषाण युग से अंतरिक्ष तक किताबों के कारण ही पहुंच पाए हैं।
उन्होंने अच्छे पाठक को भविष्य का लेखक मानते हुए कहा कि हमें नई पीढ़ी को पढ़ने के आनंद से परिचित कराना होगा, तभी वे बेहतर भविष्य के लिए तैयार हो सकेंगे। उद्घाटन समारोह के बाद सीसीआरटी से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। आयोजन में कई विद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया।
पुस्तकायन में लगाई गए हैं 50 स्टॉल
साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास ने बताया कि पुस्तक मेले पुस्तकायन में 40 प्रकाशकों के करीब 50 स्टाल लगाए गए हैं। इनमें साहित्य, कला, इतिहास, विज्ञान हर पहलू पर किताबें उपलब्ध हैं। मेला नौ दिसंबर तक रोजाना सुबह 10 से रात आठ बजे तक खुला रहेगा।
यह भी पढ़ें- बंगा हलके के विभिन्न स्कूलों के विकास के लिए 12.94 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी : कुलजीत सिंह सरहाल
चिल्ड्रन कार्नर में बच्चे पढ़ सकेंगे किताबें
रवींद्र भवन में साहित्य अकादमी के पुस्तकालय में चिल्ड्रन कार्नर की शुरुआत की गई है। यहां बच्चों के लिए किताबें उपलब्ध कराई गई हैं। उनके बैठने के लिए व्यवस्था की गई है, जहां वे पढ़ने के साथ चर्चा भी कर सकेंगे। उनके लिए कहानियों की पुस्तकों के साथ ज्ञानवर्धक पुस्तकें व भारतीय भाषाओं में कहानियां उपलब्ध हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।