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    गलत तरीके से नक्शा पास कराता था राव कोचिंग सेंटर का वास्तुकार, MCD ने किया ब्लैकलिस्ट

    Updated: Fri, 02 Aug 2024 08:12 PM (IST)

    ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल का जिसने नक्शा बनाया था वह वास्तुकार प्रमोद कुमार वर्मा भी निगम से गलत कागजात अपलोड करने के मामले में ब्लैकलिस्ट हो चुका है। ऐसे ही दिल्ली में अनेक वास्तुकार हैं जो निगम के ईज आफ डूईंग व्यवस्था का लाभ उठाकर नियमों के खिलाफ जाकर नक्शे बनवाकर पास करा रहे हैं।

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    गलत तरीके से नक्शा पास कराता था राव कोचिंग सेंटर का वास्तुकार।

    निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में जिन वास्तुकारों पर भरोसा करके निगम नक्शे पास कर देता है, वह वास्तुकार ही निगम के साथ धोखा कर रहे हैं। एक दो नहीं बल्कि 150 से ज्यादा वास्तुकार धोखा करने पर निगम ने उन्हें ब्लैक लिस्ट कर रखा है।

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    ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल का जिसने नक्शा बनाया था, वह वास्तुकार प्रमोद कुमार वर्मा भी निगम से गलत कागजात अपलोड करने में एक दूसरे इमारत का नक्शा पास कराने में बीते वर्ष ही ब्लैक लिस्ट हो चुका है। ऐसे ही दिल्ली में अनेक वास्तुकार हैं, जो निगम के ईज आफ डूईंग व्यवस्था का लाभ उठाकर नियमों के खिलाफ जाकर नक्शे बनवाकर पास करा रहे हैं।

    ऑनलाइन नक्शा पास कराने की सुविधा

    दिल्ली में इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए निगम ने नक्शे पास कराने की सुविधा ऑनलाइन की थी। इसके तहत नियमित कॉलोनियों में नक्शा पास कराना ऑनलाइन किया था। इसमें व्यवस्था की गई थी कि निगम नक्शा अपने हिसाब से नहीं बनाएगा, बल्कि वास्तुकार मास्टर प्लान 2021, एकीकृत बिल्डिंग बायलॉज और अग्निशमन विभाग के नियमों तहत नक्शा बनाना है और पोर्टल पर दस्तावेजों के साथ अपलोड करना है। इसके आधार पर निगम जांच कर नक्शा पास कर देता है।

    नियमों का उल्लंघन कर नक्शा पास

    इसी का फायदा उठाकर वास्तुकार निगम को चकमा देते हैं। अनधिकृत कॉलोनियों की जमीन से लेकर मास्टर प्लान 2021 के नियमों का उल्लंघन करते हुए नक्शा पास करा लेते हैं। जबकि अनधिकृत कॉलोनियों में नक्शे पास हो ही नहीं सकते हैं। सरल स्कीम में 105 वर्गमीटर के प्लाट पर नक्शा वास्तुकार के बनाए नक्शे के आधार पर ही मंजूर कर दिया था। इतना ही नहीं कंप्लीशन भी इस श्रेणी में वास्तुकार के दिए दस्तावेजों के आधार पर हो जाता है। 500 वर्गमीटर तक के रिहायशी क्षेत्र के प्लाट में वास्तुकार के प्लान के हिसाब से ही नक्शा पास हो जाता है।

    कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने के लिए भी गलत दस्तावेज

    वहीं, कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने के लिए भी गलत दस्तावेज भी जमा करते हैं। 500 वर्ग मीटर से ज्यादा के प्लॉट पर निगम जमीनी निरीक्षण करके नक्शा पास करती है लेकिन इससे नीचे के प्लॉट पर स्वयं ही पास हो जाते हैं। हालांकि कंप्लीशन के लिए निगम की टीम निरीक्षण करती है, जब यह सर्टिफिकेट जारी करती है। उल्लेखनीय है कि कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल का नक्शा वास्तुकार प्रमोद कुमार वर्मा ने 13 मई 2019 को पास कराया था। जबकि 9 अगस्त 2021 को भवन का निर्माण का कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया था।

    यह नक्शा हमने ही तैयार किया था। हालांकि इसका सुपरविजन हमारा नहीं था। एक अन्य मामले में हमारे एक स्टाफ ने गलती से गलत कागज अपलोड कर दिए थे, जिसकी वजह से पिछले वर्ष एक वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया था। - प्रमोद कुमार वर्मा, वास्तुकार

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