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    अनजाने में दिया जा रहा था देश विरोधी निकोलसन को सम्मान, राष्ट्रीय स्मारक की लिस्ट से कब्र को हटाया गया

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 07:26 AM (IST)

    भारत सरकार ने अनजाने में देश विरोधी जान निकोलसन की कब्र को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया था। जानकारी मिलने पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कब्र को राष्ट्रीय स्मारक की सूची से हटा दिया। निकोलसन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को दबाने वाला क्रूर जनरल था जिसने भारतीयों पर अत्याचार किए थे। उसकी कब्र को सम्मान देना गलत था।

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    आइएसबीटी कश्मीरी गेट के पास निकोलसन कब्रिस्तान। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हम अनजाने में ऐसे व्यक्तियों को सम्मान देते रहे हैं, जो इसके लायक नहीं थे और हमारे कट्टर दुश्मनों में शामिल थे। इनमें एक प्रमुख नाम अंग्रेज जान निकोलसन का है, जिसकी कब्र कुछ माह पहले तक राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची में शामिल थी। जब केंद्र की मोदी सरकार को इस तथ्य की जानकारी मिली, तो इसे राष्ट्रीय स्मारक की सूची से हटा दिया गया।

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    निकोलसन कब्रिस्तान, जिसे पहले पुरानी दिल्ली सैन्य कब्रिस्तान और कश्मीरी गेट कब्रिस्तान के नाम से जाना जाता था, एक ईसाई कब्रिस्तान है। यहां कभी ईस्ट इंडिया कंपनी के ब्रिटिश अधिकारी जान निकोलसन की प्रतिमा स्थापित थी, जिसे 1958 में उत्तरी आयरलैंड भेज दिया गया था।

    अब वहां केवल एक पट्टिका और एक कब्र बची है, लेकिन फिर भी उनकी कब्र को ‘राष्ट्रीय महत्व का स्मारक’ का दर्जा प्राप्त था। निकोलसन को 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दबाने वाले क्रूर ब्रिटिश ब्रिगेडियर-जनरल के रूप में जाना जाता है।

    स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दिल्ली की घेराबंदी में निकोलसन का प्रमुख हाथ था। वह ब्रिटिश सेना का वह अधिकारी थे, जिसने भारतीयों पर अत्याचार किए। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1857 में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने उसे मार डाला। इसके बावजूद, उसकी कब्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की राष्ट्रीय स्मारकों वाली सूची में शामिल थी।

    हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व कर्मचारियों ने बताया कि कई साल पहले तक यह कहा जाता था कि कश्मीरी गेट पर इस कब्रिस्तान में निकोलसन का भूत मंडराता है। स्थानीय लोगों ने उनके सिरविहीन धड़ को वहां घूमते हुए देखा था। रात के समय लोग वहां आवागमन नहीं करते थे। हालांकि, कर्मचारी इसे केवल अफवाह मानते हैं।

    उनका मानना है कि यह अफवाह उन नशेड़ियों द्वारा फैलाई गई हो सकती है, जो शाम को वहां एकत्रित होते थे। इस प्रकार, भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए निकोलसन की कब्र को राष्ट्रीय स्मारक की सूची से हटा दिया है, जो कि एक सकारात्मक बदलाव है।

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