Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सामने आया केजरीवाल सरकार का एक और झूठ, जानिए क्‍या है पूरा मामला

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Mon, 29 Jan 2018 09:40 PM (IST)

    दिल्ली सरकार वर्ष 2016 की सर्दियों से ढिंढोरा पीट रही थी कि अक्टूबर 2017 में 20 नए रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन शुरू कर दिए जाएंगे। ...और पढ़ें

    Hero Image
    सामने आया केजरीवाल सरकार का एक और झूठ, जानिए क्‍या है पूरा मामला

    नई दिल्ली [ संजीव गुप्ता ] । दिल्ली सरकार की कथनी- करनी में फर्क का एक और नमूना सामने आया है। सरकार यह दावा करती रही है दिल्ली की प्रदूषित हवा की बेहतर निगरानी के लिए 20 नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन शुरू किए गए हैं। कहने को यह शुरू हो भी गए हैं, लेकिन इन्हें लगाने का मकसद अब भी अधूरा है। वजह, डेढ़ माह बाद भी इन्हें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ऑनलाइन नेटवर्क से भी नहीं जोड़ा जा सका है। दो स्टेशनों के लिए तो अभी तक बिजली की व्यवस्था ही नहीं हो पाई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली सरकार वर्ष 2016 की सर्दियों से ढिंढोरा पीट रही थी कि अक्टूबर 2017 में 20 नए रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन शुरू कर दिए जाएंगे। इनके जरिए दिल्ली की वायु गुणवत्ता की बेहतर निगरानी हो सकेगी और सुधार के लिए पुख्ता योजनाएं भी बनाई जा सकेंगी।

    मगर पहले तो दिल्ली सरकार नियंत्रित दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) इन्हें तय समय सीमा के एक माह बाद तक भी चालू ही नहीं कर सकी। सीपीसीबी और ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण) की बार- बार की फटकार के 10 नवंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इनका ई उदघाटन किया भी तो इनकी शुरूआत का मकसद अभी तक अधूरा नजर आ रहा है।

    दरअसल, इन सभी एयर स्टेशनों को सीपीसीबी के ऑनलाइन कंट्रोल रूम सीपीसीबीसीसीआर डॉट कॉम से जोड़ा जाना है ताकि इन इलाकों में प्रदूषण की हर घंटे निगरानी हो सके और उसके अनुरूप ही वहां के सुधार की पुख्ता योजना बनाई जा सके।

    लेकिन डेढ़ माह बाद भी कोई स्टेशन सीपीसीबीसीसीआर डॉट कॉम से नहीं जोड़ा जा सका है। सीपीसीबी की ओर से कई बार डीपीसीसी को इस बाबत निर्देश दिए जा चुके हैं मगर उन पर ध्यान ही नहीं दिया गया। अब हारकर सीपीसीबी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इस पत्र में पर्यावरण सरोकार को गंभीरता से लेते हुए सभी एयर स्टेशनों को सीपीसीबी के कंट्रोल रूम से अविलंब जुड़वाने के लिए कहा गया है।

    दो स्टेशनों को नहीं मिली बिजली

    सूत्रों के मुताबिक पूसा औद्योगिक क्षेत्र और अरविंदो मार्ग-एमजी रोड के दो स्टेशनों को तो अभी तक बिजली कनेक्शन ही नहीं मिल पाया है। ऐसे में उक्त स्टेशन शुरू भी नहीं हो पाए हैं।

    वह लोकेशन जहां लगाए गए हैं 20 नए एयर मॉनिटरिंग स्टेशन  

    मेयर ध्यान चंद स्टेडियम, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, डॉ. कर्णी सिंह रेंज, पीजीडीएवी कॉलेज श्रीनिवासपुरी, मदर डेयरी प्लांट पटपडग़ंज, सत्यवती कॉलेज जीटी करनाल रोड, मुंडका मेट्रो स्टेशन, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज रोहिणी, आइटीआइ नरेला, जल शोधन संयंत्र सोनिया विहार, डीआइटीई ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, चौधरी ब्रहमप्रकाश आयुर्वेदिक अस्पताल नजफगढ़, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल पूठखुर्द, छत्रसाल स्टेडियम एमजी रोड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्पिरेशन, पूसा इंडस्ट्रियल एरिया, इग्नू मेन रोड मैदानगढ़ी, फुटबॉल फेडरेशन द्वारका, दिल्ली कैंट जनरल अस्पताल।

    सीपीसीबी के सदस्य सचिव ए. सुधाकर का कहना है कि डीपीसीसी के अधिकारियों को स्थिति में सुधार के लिए मौखिक और लिखित दोनों ही रूप से निर्देश दिए जा रहे हैं, मगर उनका रिस्पांस हमेशा नकारात्मक रहता है। 20 नए एयर स्टेशनों के डाटा वेरीफिकेशन को लेकर भी अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। मुख्य सचिव को पत्र भेजा गया है। देखिए, क्या कार्रवाई होती है।