एलजी अनिल बैजल ने उपमुख्यमंत्री को दिया जवाब, अपने ही पत्र पर घिरे सिसोदिया
बैजल ने सिसोदिया को पत्र का जवाब देते हुए बताया है कि प्रभारी मंत्री के रूप में वह स्वयं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायकों के मानदेय और आंगनबाड़ी केंद्रों के मालिकों को बकाया किराये को लेकर जिम्मेदार हैं।

नई दिल्ली [जेएनएन]। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को उनके ही पत्र पर कठघरे में खड़ा कर दिया है। उपमुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/ सहायकों के मानदेय और आंगनबाड़ी केंद्रों के मालिकों का किराया भुगतान गत तीन माह से लंबित चल रहा है।
आप स्वयं जिम्मेदार
बैजल ने सिसोदिया को पत्र का जवाब देते हुए बताया है कि प्रभारी मंत्री के रूप में वह स्वयं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायकों के मानदेय और आंगनबाड़ी केंद्रों के मालिकों को बकाया किराये को लेकर जिम्मेदार हैं। उपराज्यपाल ने लिखा है कि पहली बार उनके संज्ञान में यह मामला लाया गया है। हालांकि, जांच में पता चला है कि आंगनबाड़ी परिसरों के किराये का भुगतान जनवरी 2018 तक किया जा चुका है। अत: यह तथ्य सही नहीं है कि पिछले तीन माह से भुगतान लंबित है। फिर भी उनकी जानकारी में अगर बकाया राशि का कोई विशेष मामला हो तो वह विभाग के साथ मिलकर निपटा सकते हैं।
राशि का समाप्त हो जाना है बड़ा कारण
उपराज्यपाल के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायकों के मानदेय के संबंध में विभाग ने उन्हें सूचित किया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नबंवर 2017 तक भुगतान कर दिया गया है और सहायकों को दिसंबर 2017 तक भुगतान किया जा चुका है। विभाग द्वारा दी गई सूचना के अनुसार जिन महीनों का भुगतान अभी लंबित है उसका कारण बजट 2017-18 में इस मद के लिए रखी गई राशि का समाप्त हो जाना है।

प्रावधान समय पर क्यों नहीं किया
उपराज्यपाल ने इस स्थिति के लिए उपमुख्यमंत्री को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पूछा है कि वित्तमंत्री, बजट तैयार करने के प्रभारी और महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में उपमुख्यमंत्री ने बजट को अधिक सावधानी पूर्वक क्यों नहीं बनाया। इसमें अतिरिक्त आवश्यकता अनुसार प्रावधान समय पर क्यों नहीं किया। उपराज्यपाल ने उपमुख्यमंत्री से मानदेय समय पर देने के लिए पर्याप्त धन के प्रावधान के लिए सुधारात्मक कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।

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