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    वन्यजीवों के लिए करुणा की मिसाल, दिल्ली चिड़ियाघर और वंतारा की साझी सोच

    Updated: Tue, 10 Jun 2025 08:00 PM (IST)

    दिल्ली चिड़ियाघर पशु कल्याण और संरक्षण के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। वर्तमान में 95 प्रजातियों को आश्रय देने वाला यह चिड़ियाघर अब वंतारा के साथ एक रणनीतिक साझेदारी के ज़रिए अपने मिशन को और सशक्त बना रहा है। वंतारा जो जरूरतमंद जानवरों की देखभाल और पुनर्वास के क्षेत्र में सक्रिय है इस साझेदारी के माध्यम से संसाधनों आधुनिक सुविधाओं और वैज्ञानिक विशेषज्ञता का समावेश करेगा

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    दिल्ली चिड़ियाघर, आज पशु कल्याण और संरक्षण के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है।

     भारत के प्रमुख प्राणी उद्यानों में से एक, दिल्ली चिड़ियाघर, आज पशु कल्याण और संरक्षण के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। वर्तमान में 95 प्रजातियों को आश्रय देने वाला यह चिड़ियाघर अब वंतारा के साथ एक रणनीतिक साझेदारी के ज़रिए अपने मिशन को और सशक्त बना रहा है। वंतारा, जो जरूरतमंद जानवरों की देखभाल और पुनर्वास के क्षेत्र में सक्रिय है, इस साझेदारी के माध्यम से संसाधनों, आधुनिक सुविधाओं और वैज्ञानिक विशेषज्ञता का समावेश करेगा, जिससे चिड़ियाघर के प्रयासों को नई गति मिलेगी।

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    इस सहयोग को लेकर हाल ही में कुछ आलोचनाएं भी सामने आई हैं, जिनमें इसे निजीकरण का प्रयास बताया गया है। हालांकि, वंतारा और दिल्ली चिड़ियाघर दोनों ने स्पष्ट किया है कि यह समझौता न तो किसी स्वामित्व के हस्तांतरण से जुड़ा है और न ही प्रशासनिक नियंत्रण में कोई बदलाव लाता है। यह एक पूर्णतः सहयोगात्मक पहल है, जिसका उद्देश्य सरकारी संस्थान की ताकत को वंतारा की विशेषज्ञता के साथ जोड़कर जानवरों के जीवन को बेहतर बनाना और दिल्लीवासियों को अधिक अर्थपूर्ण वन्यजीव अनुभव देना है।

    वंतारा के सीईओ विवान करानी ने कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य चिड़ियाघर की कार्यप्रणाली को सशक्त करना और उसे एक ऐसा केंद्र बनाना है जो केवल दर्शनीय स्थल न रहकर संवेदनशीलता, ज्ञान और करुणा से जुड़ा अनुभव हो। यह दिल्ली सरकार की दूरदर्शिता का प्रतीक है, जो पशु कल्याण और प्राणी विज्ञान जैसे विशेषज्ञ क्षेत्रों में प्रशिक्षित पेशेवरों को शामिल करके वैश्विक मानकों की ओर बढ़ना चाहती है। उनका मानना है कि यह सहयोग भारत में पशु देखभाल के लिए एक नई दिशा तय करेगा और राजधानी को एक ऐसा वन्यजीव वातावरण देगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रेरणा बनेगा।

    इस पहल के अंतर्गत जानवरों के लिए सुरक्षित, सुसज्जित और वैज्ञानिक ढंग से डिज़ाइन किए गए बंद स्थान विकसित किए जाएंगे जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करेंगे। साथ ही चिड़ियाघर के कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे, जिनसे वे आधुनिक पशु देखभाल तकनीकों में दक्ष बन सकें। कर्मचारियों को तकनीकी ज्ञान से लैस करने के साथ-साथ उनके और उनके परिवारों के लिए बीमा और सामाजिक सुरक्षा की योजनाएँ भी इस समझौते का हिस्सा हैं, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगी।

    वंतारा इस साझेदारी के अंतर्गत पशु चिकित्सा सेवाओं, लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रबंधन, बाड़ों की डिज़ाइन, आगंतुक अनुभव और कर्मचारियों के प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग देगा। ज्ञान-साझा पहलों, स्टाफ एक्सचेंज प्रोग्राम्स और संरक्षण शिक्षा के माध्यम से यह सहयोग न केवल चिड़ियाघर को आधुनिक बनाएगा, बल्कि नागरिकों में भी पशु संवेदनशीलता और पर्यावरणीय चेतना का विस्तार करेगा।

    दिल्ली चिड़ियाघर और वंतारा की यह साझेदारी इस विश्वास पर आधारित है कि जब विशेषज्ञता, करुणा और समर्पण एक साथ आते हैं, तो न केवल जानवरों का जीवन बेहतर होता है, बल्कि समाज भी एक अधिक संवेदनशील और सजीव दिशा में बढ़ता है। वंतारा इसी विश्वास के साथ एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता है जहां भारत, वन्यजीव संरक्षण और पशु कल्याण के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा सके। एक ऐसी उपलब्धि जिसे आज भी बहुत कम देश हासिल कर पाए हैं।