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    Amantullah khan को दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग, ACB ने उपराज्यपाल सचिवालय को लिखा पत्र

    By Aditi ChoudharyEdited By:
    Updated: Wed, 10 Aug 2022 03:28 PM (IST)

    New Delhi ACB का कहना है कि अमानतुल्ला खान के आपराधिक और दबंग प्रवृत्ति के कारण उनके खिलाफ मामलों की जांच में परेशानी हो रही है। आप विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पर गवाहों को डराने-धमकाने का आरोप है।

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    अमानतुल्ला खान के खिलाफ सामने आने से डरते हैं गवाह- ACB

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti-Corruption Branch) ने उपराज्यपाल सचिवालय को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है। एसीबी ने चिट्ठी में लिखा कि खान के आपराधिक और बदमाश स्वभाव के कारण उनके खिलाफ दर्ज मामलों में गवाह सामने आने से डर रहे हैं। एसीबी का कहना है कि जब तक अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे, तब तक इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है।

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    अमानतुल्ला खान से डरते हैं गवाह

    हाल ही में एलजी सचिवालय को लिखे एक पत्र में विशेष पुलिस आयुक्त (एसीबी) एसके गौतम ने कहा कि आप (AAP) विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष खान के दबंग प्रवृति के कारण गवाह उनके खिलाफ बोलने से डरते हैं। एसीबी ने यह पत्र इस मामले में जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट के बाद लिखा है। जांच अधिकारी ने रिपोर्ट में गवाहों को अमानतुल्ला खान की ओर से दी गई धमकियों के बारे में बताया गया है। एसीबी ने चिट्ठी में बताया कि अमानतुल्ला खान के दबंग प्रवृत्ति के कारण गवाह भयभीत हैं। एक गवाह का आरोप है कि अमानतुल्ला खान ने जबरन उनके आवास से महत्वपूर्ण दस्तावेज हटाए।

    अमानतुल्ला खान पर वक्फ बोर्ड के बैंक खातों में वित्तीय गड़बड़ी, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में किरायेदारी देना, वाहनों की खरीद में घोटाले और वक्फ बोर्ड में 33 करीबियों की अवैध नियुक्ति से संबंधित अन्य मामले दर्ज है। एसीबी ने सभी मामलों में जांच के निष्कर्ष आने तक खान को पद से हटाने की मांग की है। इस संबंध में एसीबी ने जनवरी 2020 में पीसी एक्ट की धारा 7 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज कराया था।

    दिल्ली वक्फ बोर्ड में रिश्तोदारों के नियुक्त किया

    अमानतुल्ला खान पर आरोप है कि साल 2019 में दिल्ली वक्फ बोर्ड में निर्धारित प्रक्रियाओं की अवहेलना करते हुए गलत संबंध बताकर अपने रिश्तेदार और करीबियों को नियुक्त किया। इनमें चार लोगों से खान का खून का रिश्ता था। सभी को वॉक-इन-इंटरव्यू के आधार पर नौकरी दी गई थी।

    जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि अमानतुल्ला खान ने 2019 में फिरोज खान को अपना पीए नियुक्त किया था। फ़िरोज खान ओखला विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं, जिसका प्रतिनिधित्व अमानतुल्ला खान करते हैं। फिरोज खान को वक्फ बोर्ड से 44,000 रुपये का मासिक वेतन मिल रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा शहीद भगत सिंह कॉलेज, शेख सराय के शासी निकाय के सदस्य के रूप में उन्हें नामित किया गया था। जुलाई 2020 में फिरोज खान शहीद भगत सिंह कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष बने।

    बता दें कि आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ कुल 23 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 2 मामले विचाराधीन हैं। वहीं 7 मामले विभिन्न पुलिस थानों में जांच के लिए लंबित हैं, जिसमें सीबीआई एक मामले की जांच कर रही है।