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    हरी सब्जी व चिकन खाने वाले जरूर पढ़ें यह खबर, हो सकती है यह जानलेवा बीमारी

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Tue, 02 Apr 2019 08:18 AM (IST)

    दिमाग में घुसने वाले पत्ता गोभी के कीड़े को टेपवर्म (tapeworm) यानी फीताकृमि कहा जाता है। यह कीड़ा खाने के साथ पेट में आंतों में और फिर ब्लड फ्लो के मस्तिष्क तक पहुंच जाता है।

    हरी सब्जी व चिकन खाने वाले जरूर पढ़ें यह खबर, हो सकती है यह जानलेवा बीमारी

    फरीदाबाद, जेएनएन। दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक लड़के ने ऐसा कबाब खा लिया था जो टेपवर्म (फीताकर्मी) से संक्रमित था। सेवन के बाद यह पूरे शरीर में फैला और बाद में इस लड़के की मौत हो गई। इसकी रिपोर्ट न्यू इंग्लैंड जनरल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित होने के बाद यह मामला चर्चा में है। रिपोर्ट के मुताबिक, फरीदाबाद के युवक द्वारा टेपवर्म से संक्रमित कबाब खाने के बाद शरीर में जाने पर यह और फैल गया और फिर शरीर के अन्य अंगों तक में चला गया। हालात बदतर होते गए और इलाज के दौरान इस लड़के की मौत हो गई। यहां पर बता दें कि इस बीमारी को  सिस्टसरकोसिस कहा जाता है। ऐसे मामले में दुनियाभर में सामने आते रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, शरीर में टेपवर्म पहुंचने पर इसके सिस्ट आंतों में पनपने लगते हैं। इसके बाद टेपवर्म अंडे देता है जो खून की मदद से पूरे शरीर में फैल जाते हैं। इसके बाद यह दिमाग, लिवर व दिल में भी फैल जाते हैं। ऐसा होने पर पीड़ित अधिक दिनों तक जीवित नहीं रह पाता है। 

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    डॉक्टर एस जफर अब्बास के साथ मिलकर इस बारे में आर्टिकल लिखने वाले डॉक्टर निशांत देव की मानें तो एमआरआइ और अल्ट्रासाउंड करने के बाद पता चला कि टेपवर्म से संक्रमित लड़के के शरीर में करीब 1,000 टेपवर्म सिस्ट पाए गए थे। 

    डॉ. निशांत के मुताबिक, सुअरों से टेपवर्म एग्स उनके मल से बाहर निकलते हैं, जिससे पानी भी दूषित होता है। इसके बाद इस पानी के संपर्क में आने वाली सब्जियां व अन्य खाद्य पदार्थों के टेपवर्म की चपेट में आने की संभावना ज्यादा होती है।

    दिमाग में घुसने वाले पत्ता गोभी के कीड़े को टेपवर्म (tapeworm) यानी फीताकृमि कहा जाता है। यह कीड़ा खाने के साथ पेट में, आंतों में और फिर ब्लड फ्लो के मस्तिष्क तक पहुंच जाता है। यह कीड़ा जानवरों के मल में पाया जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, टेपवर्म से होने वाले संक्रमण को टैनिएसिस कहा जाता है। टेपवर्म की तीन मुख्य प्रजातियां टीनिया सेगीनाटा, टीनिया सोलिअम और टीनिया एशियाटिका होती हैं। शरीर में प्रवेश करने के बाद यह कीड़ा अंडे देना शुरू कर देता है। इसके कुछ अंडे हमारे शरीर में भी फैल जाते हैं, जिससे शरीर में अंदरूनी अंगों में घाव बनने

    लगते हैं।

    इन चीजों में पाया जाता है टेवपर्म

    • पत्ता गोभी
    • पालक
    • मछली
    • पोर्क
    • बीफ
    • फूल गोभी
    • हरा धनिया
    • केल (यह भी गोभी की एक किस्म है)
    • ब्रोकली

     

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