Delhi Pollution: दिल्ली की आबोहवा हुई खराब, पराली और सर्दी से बिगड़ेंगे हालात; बच्चों को खतरा
सर्दी की दस्तक के साथ ही दिल्ली की हवा भी खराब होने लगी है। मंगलवार को राजधानी में AQI 232 के साथ वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। रविवार तक न्यूनतम पारा गिरकर 16 डिग्री तक जाने की आशंका जताई गई है। इसलिए एहतियात बरतने की जरूरत है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सर्दी की दस्तक के साथ ही दिल्ली की हवा भी खराब होने लगी है। मंगलवार को राजधानी में AQI 232 के साथ वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। रविवार तक न्यूनतम पारा गिरकर 16 डिग्री तक जाने की आशंका जताई गई है। इसलिए एहतियात बरतने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखकर सरकार की ओर से जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं। पर्यावरण मंत्री ने बुधवार जबकि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बृहस्पतिवार को समीक्षा बैठक बुलाई है।
पराली से सबसे ज्यादा प्रदूषण का खतरा
दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जा चुका है। ग्रेप में चार अलग-अलग चरणों के तहत वायु प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के प्रविधान हैं। इसे सख्ती से लागू करने की जरूरत है। राजधानी में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली भी है। वायु गुणवत्ता आयोग के मुताबिक इस बार अब तक पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। लेकिन आगे भी इस समस्या पर नजर रखनी होगी, क्योंकि अभी यह समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।
सख्ती से नियमों का पालन जरूरी
आने वाले दिनों में फसलों की कटाई चरम पर होगी, इसलिए पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकना जरूरी है। निर्माण स्थलों पर धूल न उड़े इसके लिए प्रदूषण के रोकथाम के नियमों को सख्ती से लागू करना होगा। न सिर्फ बड़े निर्माण स्थलों पर बल्कि आवासीय इलाके में भी नियमों का पालन कराने की जरूरत है।
बच्चों की सेहत पर प्रदूषण का स्तर
हमें यह ध्यान रखना होगा कि आने वाले कुछ माह प्रदूषण के लिहाज से गंभीर हो सकते हैं। पिछले वर्षों में नवंबर से जनवरी और कई बार फरवरी मध्य तक राजधानी की हवा बहुत खराब हो जाती है। समस्या बढ़ने पर स्कूल तक बंद करने पड़ते हैं। अदालत से लेकर संसद तक में इस समस्या पर चिंता जताई गई है। प्रदूषण से दिल्ली वासी बीमार पड़ते हैं। बच्चों पर ज्यादा असर पड़ता है। एक अध्ययन में बताया गया है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने से बच्चे घुटन महसूस करने लगते हैं और सर्दियों के दौरान ये समस्या बढ़ जाती है। यह स्थिति सुधारने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
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