Delhi Air Pollution: सर्दी बीतते ही हवा की गुणवत्ता में हुआ सुधार, दिल्ली-NCR से हटे GRAP के सभी प्रतिबंध
हवा की गुणवत्ता में लगातार सुधार देखते हुए दिल्ली एनसीआर से करीब पांच माह बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की तमाम पाबंदियां हटा ली गई हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बृहस्पतिवार को आपात बैठक कर ग्रेप का पहला चरण भी हटाने का निर्णय लिया।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। हवा की गुणवत्ता में लगातार सुधार देखते हुए दिल्ली एनसीआर से करीब पांच माह बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की तमाम पाबंदियां हटा ली गई हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बृहस्पतिवार को आपात बैठक कर ग्रेप का पहला चरण भी हटाने का निर्णय लिया। हालांकि एनसीआर में शामिल सभी राज्य सरकारों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को आगे भी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में ग्रेप एक अक्टूबर से लागू किया गया था, हालांकि इसकी पाबंदियां पांच अक्टूबर से शुरू हुई थीं। इसके बाद समय-समय पर हवा की गुणवत्ता और एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) को देखते हुए इसके अलग- अलग चारों प्रविधान लागू किए जाते रहे और हटाए जाते रहे। अलबत्ता, ग्रेप का पहला चरण तभी से लागू रहा और अब जाकर हटा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार बृहस्पतिवार को दिल्ली का एक्यूआइ 119 रहा। इस श्रेणी की हवा को ''सामान्य'' श्रेणी में रखा जाता है। वहीं एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद का एक्यूआइ 124, गाजियाबाद का 101, ग्रेटर नोएडा का 78, गुरुग्राम का 84 और नोएडा का 90 रिकार्ड किया गया। फरीदाबाद और गाजियाबाद की हवा ''सामान्य'' जबकि अन्य सभी जगहों की ''संतोषजनक'' श्रेणी में रही। सफर इंडिया का कहना है कि हाल फिलहाल इसमें अधिक बदलाव होने की कोई संभावना नहीं है।
इसी स्थिति के मददेनजर ग्रेप की उप-समिति ने बृहस्पतिवार को एक बैठक में स्थिति का जायजा लिया। समिति ने कहा कि पूर्वानुमान में हवा की गुणवत्ता में किसी असामान्य गिरावट का संकेत नहीं है। अत: ग्रेप चरण-एक के तहत लगाए गए सभी प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से रद किए जाते हैं।
हालांकि, उप समिति ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में संबंधित एजेंसियों को सीएक्यूएम के सभी निर्देशों, सलाह और धूल शमन, औद्योगिक और वाहनों के उत्सर्जन, खुले बायोमास जलाने आदि से संबंधित आदेशों का सख्ती से पालन करने के लिए भी कहा है ताकि हवा की गुणवत्ता आगे भी ''खराब" न हो।
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