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दिल्ली-NCR के लोगों के लिए खुशखबरी, खुलकर लें सांस; 25% तक घट गया प्रदूषण

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (Centre for Science and Environment) का कहना है कि वर्ष 2012-2014 की तुलना में वर्ष 2016-2018 में प्रदूषण के स्तर में 25 फीसदी की कमी आई है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 07:47 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 09:39 AM (IST)
दिल्ली-NCR के लोगों के लिए खुशखबरी, खुलकर लें सांस; 25% तक घट गया प्रदूषण
दिल्ली-NCR के लोगों के लिए खुशखबरी, खुलकर लें सांस; 25% तक घट गया प्रदूषण

नई दिल्ली, जेएनएन। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (Environment Pollution Control Authority) की सख्ती का असर कहें या सामूहिक स्तर पर किए गए प्रयासों का नतीजा, लेकिन दिल्ली की हवा में प्रदूषण कम होने लगा है। आलम यह है कि मौजूदा दशक के शुरुआती सालों के मुकाबले प्रदूषण के औसत स्तर में 25 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, अभी भी दिल्ली की हवा स्वच्छ नहीं कही जा सकती और खुलकर सांस लेने के लिए इसमें प्रदूषण के कणों में 60 से 65 फीसद तक और कमी लाने की जरूरत है।

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सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (Centre for Science and Environment) द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह पता चला है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी संसद में प्रस्तुत रिपोर्ट में बेहतरी का दावा किया है। सीएसई का कहना है कि वर्ष 2012-2014 की तुलना में वर्ष 2016-2018 में प्रदूषण के स्तर में 25 फीसदी की कमी आई है।

बता दें कि पहले दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 2.5 की मात्रा प्रति माइक्रोग्राम मानकों से 13 से 14 गुना तक ज्यादा रहती थी, लेकिन अब यह मानकों से सात से दस गुना ज्यादा रह गई है। सबसे ज्यादा प्रदूषित दिनों की संख्या में भी कमी आई है। वर्ष 2011 से 14 के बीच जहां 33 से लेकर 52 दिन ऐसे होते थे, जब हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा रहा करती थी। वहीं वर्ष 2016 से 18 के बीच ऐसे दिनों की संख्या घटकर 20 से 34 ही रह गई है।

सीएसई के मुताबिक, दिल्ली की हवा को सुधारने के लिए तैयार किए गए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान और कांप्रीहेंसिव क्लीन एक्शन प्लान का भी काफी महत्व रहा है। तमाम एजेंसियों ने मिलकर प्रदूषण पर प्रहार किया है। इसके चलते प्रदूषण का स्तर पहले की तुलना में कम हुआ है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका वाहनों के ईंधन में सुधार, उद्यमों में इस्तेमाल होने वाले खराब ईंधन, पेटकोक, फर्नेस ऑयल और कोयले पर प्रतिबंध, कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को बंद करने, ईंट भट्ठों पर शिकंजा करने और धूल उड़ाने वाले निर्माण कार्यों पर लगाम लगाने से आया है।

सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी का कहना है कि सभी के सामूहिक प्रयासों से ही दिल्ली का प्रदूषण कम हुआ है। हालांकि पीएम 2.5 के स्तर में 65 फीसद तक और कमी लाने के लिए अभी भी और सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।

वहीं, मौसम विभाग का अनुमान है कि शनिवार और रविवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में अच्छी बरसात देखने को मिल सकती है। इस बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार बेहतर चल रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी एयर बुलेटिन के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 101 दर्ज किया गया। इस स्तर की हवा को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।

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