पेशाब कांड: 'शंकर मिश्रा के पिता ने वॉट्सऐप मैसेज भेजा और फिर डिलीट कर दिया', शिकायतकर्ता का दावा
Air India urination case शिकायतकर्ता ने कोर्ट में दावा किया कि आरोपित की तरफ से पीड़िता को धमकी मिल रही है। आरोपित के पिता संदेश में लिखते हैं कि कर्म तुम्हें मारेगा। फिर उस संदेश को डिलीट कर देते हैं।

नई दिल्ली,जागरण संवाददाता। Air India Urination Case: एयर इंडिया के विमान में महिला यात्री की सीट पर पेशाब करने के मामले में बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपित शंकर मिश्रा को जमानत देने से इनकार कर दिया। महानगर दंडाधिकारी कोमल गर्ग के कोर्ट ने कहा कि ये कृत्य अप्रिय और घिनौना है। यह किसी महिला की मर्यादा का हनन करने के लिए काफी है।
बृहस्पतिवार को होगी सुनवाई
इस घिनौने आचरण ने नागरिक चेतना को झकझोर दिया है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। प्रथम दृष्टया कृत्य से आरोपित की मंशा स्पष्ट होती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस के नोटिस के बावजूद आरोपित जांच में शामिल नहीं हो रहा था। आरोपित गवाहों को प्रभावित कर सकता है, इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं, आरोपित शंकर मिश्रा की कस्टडी न देने के मजिस्ट्रेट कोर्ट के निर्णय के खिलाफ पुलिस ने सेशन कोर्ट में पुनर्विचार अर्जी लगाई है, जिस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी।
अभियोजन के मुताबिक, न्यूयार्क से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान में 26 नवंबर 2022 को सफर के दौरान आरोपित शंकर मिश्रा ने एक बुजुर्ग महिला की सीट पर पेशाब कर दिया था। इस मामले में आरोपित को गत छह जनवरी को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया था। शंकर मिश्रा की जमानत अर्जी पर उसके वकील मनु शर्मा ने कोर्ट के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल से नशे की हालत में ऐसा हुआ।
बाद में दर्ज कराई गई प्राथमिकी
शंकर को तो विमान कर्मियों ने ही जगाया था और इस घटना की जानकारी दी थी। वही दावा कर रहे थे कि यह कृत्य शंकर ने किया, जबकि उसने इन आरोपों का विरोध किया था। इसके बावजूद बुजुर्ग महिला के साथ हुई घटना और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बिना शर्त माफी भी मांगी थी। महिला ने माफ भी कर दिया था, उस वक्त लगा था कि मामला सुलझ गया है। बाद में प्राथमिकी करा दी गई।
आरोपित के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि शंकर द्वारा किया कृत्य महिला की मर्यादा हनन (भादंसं की धार 354) के दायरे में नहीं आता। क्योंकि महिला की मर्यादा का हनन करने की उसकी मंशा नहीं थी। उन्होंने गिरफ्तारी से जुड़ी प्रक्रिया में कमी का हवाला देते हुए जमानत दिए जाने पर जोर दिया। दूसरी ओर अभियोजन की तरफ से सरकारी वकील श्रुति सिंघल और जांच अधिकारी ने जमानत अर्जी का विरोध किया। जांच अधिकारी ने जवाब दाखिल कर पक्ष रखा कि इस मामले में आरोप बहुत गंभीर है।
कई गवाहों से पूछताछ बाकी
जांच अभी शुरुआती चरण में है और कई गवाहों से पूछताछ बाकी है। साथ ही कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता के तहत नोटिस जारी करने पर आरोपित जानबूझकर जांच में शामिल होने से बचता रहा। पीड़िता के वकील अंकुर महिंद्रू ने भी अर्जी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपित का स्टैंड विरोधाभासी है। एक तरफ वह कहता है कि उसने आरोपों का विरोध किया। दूसरे पल कहता है कि उसने माफी मांग ली।
उन्होंने जोर दिया कि आरोपित द्वारा किया कृत्य परेशान करने वाला है। नशे की हालत आरोप से बचाव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आरोपित प्रभावशाली व्यक्ति है, तभी 28 नवंबर 2022 को शिकायत देने के बावजूद प्राथमिकी पंजीकृत होने में देरी हुई। यह भी आरोप लगाया कि एयर इंडिया के विमान कर्मी आरोपित के प्रभाव में समझौता कराने का प्रयास करते रहे। उन्होंने कोर्ट में दावा किया कि आरोपित की तरफ से पीड़िता को धमकी मिल रही है। आरोपित के पिता संदेश में लिखते हैं कि कर्म तुम्हें मारेगा। फिर उस संदेश को डिलीट कर देते हैं।
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