Delhi News: एम्स बनेगा विश्वस्तरीय चिकित्सा विश्वविद्यालय, नरेला में 21 एकड़ क्षेत्र में ई-वेस्ट इको पार्क बनाने को भी मिली स्वीकृति
इसमें ई-कचरे का निपटान वैज्ञानिक एवं पर्यावरणीय मांपदंडों के अनुसार किया जाएगा। पार्क में असंगठित क्षेत्र के प्रतिनिधियों को री-साइकिलिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दिल्ली में प्रत्येक वर्ष लगभग दो लाख टन ई कचरा निकलता है और इसे ज्यादातर असंगठित क्षेत्र के द्वारा री-साइकिल किया जाता है।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) बोर्ड की बैठक में पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। ई कचरा निपटान के नरेला में 21 एकड़ क्षेत्र में ई-वेस्ट इको पार्क बनेगा।
इस पार्क के निर्माण के साथ ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पुनर्विकास परियोजना को मूर्त देने व अन्य परियोजनाओं का काम शुरू करने के लिए भू उपयोग परिवर्तन (लैंड यूज चेंज) को स्वीकृति दे दी गई है। अंतिम स्वीकृति के लिए प्रस्ताव को केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के समक्ष भेजा जाएगा।
एम्स पुनर्विकास योजना को मिलेगी गतिः
फरवरी 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एम्स की पुनर्विकास योजना को विश्व स्तरीय चिकित्सा विश्वविद्यालय में बदलने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत पूर्वी अंसारी नगर (मुख्य) परिसर के क्षेत्रों में रोगी देखभाल, शिक्षण, अनुसंधान, प्रशासन और सहायता सेवाओं और पूर्वी अंसारी नगर (मुख्य परिसर) से ट्रामा सेंटर विस्तार (नया राजनगर परिसर) तक आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। एम्स में तीन हजार बिस्तरों का नया अस्पताल बनेगा।
नई अकादमी व शोध इमारत और छात्रावास आदि का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए प्रस्तावित भूमि को मनोरंजन (सिटी पार्क, जिला पार्क, सामुदायिक पार्क) से सार्वजनिक व अर्ध सार्वजनिक (शोध व शिक्षा) के लिए उपयोग में बदलने की अनुमति दी गई।
देश का पहला ई कचरा पार्क बनेगाः
नरेला में लगभग 21 एकड़ में बनने वाले इको पार्क के लिए भूमि को आवासायी-आरडी श्रेणी से उपयोगिता-यू 4 में करने को मंजूरी दी गई। दिल्ली सरकार द्वारा बनाए जाने वाले इस पार्क के लिए कई औपचारिकताएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। इसमें ई-कचरे का निपटान वैज्ञानिक एवं पर्यावरणीय मांपदंडों के अनुसार किया जाएगा। पार्क में असंगठित क्षेत्र के प्रतिनिधियों को री-साइकिलिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दिल्ली में प्रत्येक वर्ष लगभग दो लाख टन ई कचरा निकलता है और इसे ज्यादातर असंगठित क्षेत्र के द्वारा री-साइकिल किया जाता है।
एनडीआरएफ का बनेगा मुख्यालयः
वसंत विहार में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का मुख्यालय बनेगा। एनडीआरएफ का स्थायी मुख्यालय नहीं होने के कारण परेशानी होती है। समस्या दूर करने के लिए वसंत विहार में मुख्यालय बनेगा। इसके लिए प्रस्तावित भूखंड का भू उपयोग परिवर्तन को मंजूरी मिल गई है।
कश्मीरी गेट पर बनेगा डीएमआरसी का बिजली सब स्टेशनः
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के तृतीय चरण के तहत कश्मीरी गेट पर बिजली सब स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। यह स्थान ओ जोन (यमुना किनारे) में पड़ता है। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए भू उपयोग परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके बनने से मेट्रो परिचालन के लिए निर्बाध बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
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