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    AIIMS News: कार्निया प्रत्यारोपण के बाद मरीजों की देखभाल के लिए एम्स विकसित करेगा मोबाइल एप

    AIIMS News एम्स ने अब तक कुल 23000 लोगों को कार्निया प्रत्यारोपण कर उनकी आंखों को रोशनी दी है । अब कोर्निया प्रत्यारोपण सर्जरी कराने वाले मरीजों की देखभाल के लिए एम्स एक मोबाइल एप विकसित करेगा।

    By Prateek KumarEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 10:35 PM (IST)
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    तकनीक मरीजों के लिए बेहद मददगार साबित होगी।

    नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। एम्स ने अब तक कुल 23,000 लोगों को कार्निया प्रत्यारोपण कर उनकी आंखों को रोशनी दी है। अब कोर्निया प्रत्यारोपण सर्जरी कराने वाले मरीजों की देखभाल के लिए एम्स एक मोबाइल एप विकसित करेगा। इस एप के सहारे मरीज घर बैठे एम्स के आरपी सेंटर के डाक्टरों ने अपने आंखों की फालोअप जांच करा सकेंगे। एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डा. जेएस तितियाल ने कहा कि यह तकनीक मरीजों के लिए बेहद मददगार साबित होगी।

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    सर्जरी के बाद आंखों के संक्रमण को बचाना जरूरी

    उन्होंने कहा कि कार्निया प्रत्यारोपण से ज्यादा मुश्किल सर्जरी के बाद मरीजों की आंखों को संक्रमण से बचना होता है। क्योंकि, कार्निया प्रत्यारोपण के बाद उसके खराब होने का भी खतरा रहता है। इस वजह से मरीज की फालोअप जांच बेहद महत्वपूर्ण होती है। इसलिए कार्निया प्रत्यारोपण के मरीजों के फालोअप इलाज के लिए एक एप विकसित करने पर काम चल रहा है। यह एप तैयार होने पर कार्निया प्रत्यारोपण सर्जरी कराने वाले मरीज अपनी आंखों का फोटो लेकर एप पर अपलोड कर सकेंगे। जिसे देखकर डाक्टर मरीज को परामर्श दे सकेंगे। इसलिए मरीजों को दूर दराज से बार-बार फालोअप जांच के लिए एम्स आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

    15 से 20 प्रतिशत मृतकों के परिजन देते हैं नेत्रदान की स्वीकृति

    एम्स के आर्गेन रिट्रिव्ल बैंकिंग आर्गेनाइजेशन (आर्बो) की प्रभारी डा. आरती विज ने कहा कि अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वाले सभी मरीजों का नोटिफिकेशन किया जाता है और इसकी सूचना आर्बो व राष्ट्रीय नेत्र बैंक को दी जाती है। इसके बाद अस्पताल के काउंसलर परिजनों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करते हैं।

    15 से 20 प्रतिशत मृतकों के परिजन ही देते हैं स्वीकृति

    आरपी सेंटर की प्रोफेसर डा. राधिका टंडन ने कहा कि यह देखा गया है कि 15 से 20 प्रतिशत मृतकों के परिजन ही नेत्रदान की स्वीकृति देते हैं। यदि किसी को नेत्रदान करना हो तो एम्स के राष्ट्रीय नेत्र बैंक के नंबर (011-26593060) या आर्बो की वेबसाइट पर दर्ज नंबर पर भी काल कर सकते हैं। बाद में तीन या चार अंकों का कोई फोन नंबर जारी किया जा सकता है, जिसे याद रखना लोगों के लिए आसान होगा।