AIIMS में इलाज का इंतजार हुआ आसान, अब ऑनलाइन मिलेगी ये जानकारी
एम्स में इलाज कराने वालों के लिए खुशखबरी है! अब अल्ट्रासाउंड सीटी स्कैन और सर्जरी जैसी जांचों के लिए ओपीडी मरीजों को होने वाली वेटिंग की जानकारी ऑनलाइन डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगी। एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने यह आदेश जारी किया है जिससे चिकित्सा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और मरीजों को दूसरे सरकारी अस्पतालों में विकल्प तलाशने में मदद मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मरीजों का भारी दबाव झेल रहे एम्स में अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआइ और सर्जरी जैसी जांचों में ओपीडी मरीजों को होने वाली वेटिंग बड़ी समस्या है। इस वेटिंग को लेकर एम्स पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
साथ ही लंबी वेटिंग की आड़ में अनियमितता की आशंका भी बनी रहती है। इसे देखते हुए एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने हाल ही में आदेश जारी कर जांच, सर्जरी, रेडियोथेरेपी में वेटिंग की जानकारी भी ऑनलाइन डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इससे जल्द ही जांच और इलाज में वेटिंग की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी।
एम्स में मिलेगी वेटिंग जानकारी
एम्स प्रशासन को उम्मीद है कि इस पहल से चिकित्सा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी। साथ ही ऑनलाइन वेटिंग की जानकारी लेकर मरीज इलाज के लिए दूसरे सरकारी अस्पतालों में विकल्प तलाश सकेंगे। बता दें कि एम्स प्रशासन ने चार नवंबर 2022 को ऑनलाइन डैशबोर्ड जारी करने के निर्देश दिए थे।
तब इस डैशबोर्ड पर अस्पताल के जनरल व प्राइवेट वार्ड में बेड की स्थिति, इमरजेंसी में भर्ती मरीज व वेटिंग की जानकारी रियल टाइम में अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे।
इसी तरह रोजाना होने वाली लैब जांच, सीटी स्कैन, एमआरआई समेत विभिन्न रेडियोलॉजी जांच, पीईटी (पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी) स्कैन, रेडियोथेरेपी, ऑपरेशन थियेटर के उपयोग आदि की जानकारी ऑनलाइन देने के निर्देश दिए गए थे।
इसके कुछ माह बाद ही एम्स में ऑनलाइन डैशबोर्ड शुरू कर दिया गया। जिस पर इमरजेंसी व ट्रॉमा सेंटर में वर्तमान में उपलब्ध बेड, खाली बेड व मरीजों की वेटिंग लिस्ट की जानकारी उपलब्ध रहती है।
इसके अलावा रोजाना ओपीडी पहुंचने वाले मरीज, भर्ती मरीज, लैब जांच व रेडियोलॉजी जांच के लिए दिए गए अप्वाइंटमेंट का डाटा उपलब्ध रहता है। लेकिन रोजाना होने वाली रेडियोलॉजी जांच, पीईटी स्कैन, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, ब्रेकीथेरेपी व वेटिंग की जानकारी अपडेट नहीं रहती।
मौजूदा स्थिति गंभीर
मौजूदा स्थिति यह है कि 24 घंटे सीटी स्कैन और एमआरआई जांच की सुविधा होने के बावजूद मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। एमआरआई जांच के लिए दो साल तक का इंतजार करना पड़ता है। अल्ट्रासाउंड जांच के लिए भी कई महीनों का इंतजार करना पड़ता है। ईएनटी सर्जरी के लिए तीन साल, ऑर्थोपेडिक्स के लिए दो साल, न्यूरो सर्जरी के लिए डेढ़ साल और हार्ट सर्जरी के लिए कई साल तक का इंतजार करना पड़ता है।
यही वजह है कि अब एम्स निदेशक ने नया आदेश जारी कर चिकित्सा अधीक्षक और कंप्यूटराइजेशन विभाग को जांच और इलाज में वेटिंग का डाटा हर दिन डैशबोर्ड पर अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत जनरल और प्राइवेट वार्ड में बेड आवंटन, डे केयर, सर्जरी, रेडियोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसिन से जुड़ी जांच, रेडियोथेरेपी और ब्रेकीथेरेपी की भी जानकारी दी जाएगी।
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