Move to Jagran APP

AIIMS Delhi OPD: एम्स में इलाज कराने वाले हजारों मरीजों को बड़ी राहत, 18 जून से खुलेगी ओपीडी

AIIMS Delhi OPD एम्स में 18 जून से चरणबद्ध तरीके से ओपीडी सेवाएं फिर से शुरू की जा रही हैं। इसकी जानकारी एम्स प्रशासन ने दी है। एम्स ने बताया कि कोरोना संक्रमण कम होने के और दिल्ली अनलॉक होने के बाद ओपीडी खोलने का फैसला किया गया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 04:06 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 05:01 PM (IST)
AIIMS Delhi OPD: एम्स में इलाज कराने वाले हजारों मरीजों को बड़ी राहत, 18 जून से खुलेगी ओपीडी
18 जून से फिर से ओपीडी सेवाएं

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 18 जून से चरणबद्ध तरीके से ओपीडी सेवाएं फिर से शुरू की जा रही हैं। इसकी जानकारी एम्स प्रशासन ने दी है। एम्स ने बताया कि कोरोना संक्रमण कम होने के और दिल्ली अनलॉक होने के बाद ओपीडी खोलने का फैसला किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, कोविड नियमों का पालन करते हुए लोग एम्स में अपना इलाज करा सकते हैं। एम्स प्रशासन ने मरीजों को सलाह दी है कि वे ऑनलाइन अप्वाइमेंट ले सकते हैं। 

loksabha election banner

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद ज्यादातर बड़े निजी अस्पतालों में ओपीडी व रूटीन सर्जरी शुरू हो गई हैं। एम्स में भी कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या कम हो गई है। ऐसे में एम्स में चरणबद्ध तरीके से ओपीडी सेवा व रूटीन सर्जरी शुरू की जा रही है। अभी फिलहाल, गंभीर मरीजों की इमरजेंसी के माध्यम से सर्जरी हो रही है।

एम्स के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि इमरजेंसी में पहले की तरह दूसरी बीमारियों के मरीज भर्ती किए जाने लगे हैं। अब ओपीडी भी शुरू हो रही है। शुरुआत में ओपीडी में कम संख्या में मरीज देखे जाएंगे। मौजूदा समय में टेलीकंसल्टेशन के जरिये मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

बता दें कि राजधानी में कोरोना की संक्रमण दर घटकर 0.22 फीसद हो गई है। इससे संक्रमण दर दूसरी लहर शुरू होने से पहले की स्थिति में पहुंच गई है। सोमवार को 111 दिनों में कोरोना के सबसे कम 131 नए मामले आए। इससे पहले 23 फरवरी को 145 मामले आए थे। डाक्टर कहते हैं कि दिल्ली में अब दूसरी लहर थम गई है लेकिन कोरोना बरकरार है। इसलिए बचाव के नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है। साथ ही जिन लोगों ने अब तक टीका नहीं लगवाया है, उन्हें टीका जरूरत लगवाना चाहिए। दरअसल, पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच कोरोना का संक्रमण अधिक होने के बाद 16 फरवरी को मामले घटकर 94 हो गए थे। बाद में 24 फरवरी को कोरोना के मामले 200 पहुंच गए। इसके बाद कोरोना का संक्रमण बढ़ता चला गया। उस दिन संक्रमण दर 0.36 फीसद थी, जो 22 अप्रैल को 36.24 फीसद पहुंच गई थी। अब मामले और संक्रमण दर दोनों 24 फरवरी के मुकाबले कम हो गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.