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    Delhi AIIMS में जल्द शुरू होंगी दो नई एमआरआई मशीनें, बढ़ेगी जांच की सुविधा; मरीजों को भी मिलेगी राहत

    Updated: Sun, 24 Nov 2024 10:42 AM (IST)

    एम्स में जल्द ही दो नई एमआरआई मशीनें शुरू होने जा रही हैं जिससे मरीजों को जांच की सुविधा बढ़ेगी और वेटिंग की समस्या कम होगी। फिलहाल एम्स में सात एमआरआई मशीनें हैं लेकिन बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण जांच में देरी हो रही थी। नई मशीनों से प्रतिदिन 30 अतिरिक्त मरीजों की जांच हो सकेगी। जरूरतमंद मरीजों को 48 घंटे के भीतर एमआरआई जांच की सुविधा मिलेगी।

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    Delhi AIIMS में जल्द शुरू होंगी दो नई एमआरआई मशीनें।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स में दो नई एमआरआई मशीनें खरीदी गई हैं। इन दोनों मशीनों को अलग-अलग दो के ब्लाक में लगाया जा रहा है। एम्स प्रशासन का कहना है कि इन दो नई एमआरआई मशीनों का संचालन जल्द शुरू कर दिया जाएगा। इससे एम्स में एमआरआई जांच की सुविधा बढ़ेगी और वेटिंग की समस्या भी कम होगी।

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    एम्स में पहले से सात एमआरआई मशीनें उपलब्ध हैं। जिसमें तीन मशीनें एनएमआर (न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस) विभाग में हैं। एक एमआरआई मशीन रेडियोलाजी विभाग व एक मशीन ट्रामा सेंटर व एक अन्य एमआरआई मशीन गामा नाइफ के साथ लगी है। इसके अलावा ट्रामा सेंटर व राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में एक-एक एमआरआई मशीन है। एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 14 हजार मरीज पहुंचते हैं। सात एमआरआई व दस सीटी स्कैन मशीन उपलब्ध होने के बावजूद एम्स में जांच में वेटिंग एक बड़ी समस्या रही है।

    प्रत्येक एमआरआई मशीन से प्रतिदिन करीब 30 मरीजों की जांच

    जांच में वेटिंग की समस्या दूर करने के लिए एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने संस्थान का कमान संभालने के कुछ ही दिनों के बाद अक्टूबर 2022 में एम्स में सीटी स्कैन व एमआरआई जांच 24 घंटे जारी रखने का प्रावधान किया था। साथ ही मशीनों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए थे। जांच की सुविधा 24 घंटे होने से सीटी स्कैन व एमआरआई जांचें भी बढ़ी। एम्स का दावा है कि प्रत्येक एमआरआई मशीन से प्रतिदिन करीब 30 मरीजों की जांच होती है। फिर भी एमआरआई जांच के लिए तीन वर्ष तक की वेटिंग है।

    जरूरतमंद मरीजों की 48 घंटे के भीतर एमआरआई जांच

    एम्स प्रशासन का कहना है कि बीमारी की गंभीरता को आधार पर जांच की प्राथमिकता तय की जाती है। इमरजेंसी मरीजों को प्राथमिकता देते हुए कुछ ही घंटों में एमआरआई जांच की जाती है। वहीं अस्पताल में भर्ती जरूरतमंद मरीजों की 48 घंटे के भीतर एमआरआई जांच होती है। ओपीडी के मरीज जो ज्यादा गंभीर होते हैं उन्हें एमआरआई जांच के लिए दो से चार सप्ताह के भीतर का समय दिया जाता है।

    राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र में एक-एक नई एमआरआई मशीन लगाई जा रही

    एम्स के मीडिया डिविजन की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने बताया कि एनएमआर विभाग व राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र में एक-एक नई एमआरआई मशीन लगाई जा रही है। इससे अधिक मरीजों की एमआरआई जांच हो सकेगी।राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र में पहुंचने वाले बुजुर्ग मरीजों को एमआरआई जांच के लिए एम्स के किसी अन्य ब्लाक में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र में ही एमआरआई जांच भी हो जाएगी।

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