एआई, एक्सटेंडेड रियलिटी और रोबोटिक्स से स्वास्थ्य सेवाओं में आएगी क्रांति, AIIMS और जर्मन विश्वविद्यालय में करार
एम्स दिल्ली और जर्मनी के टीयू ड्रेस्डेन विश्वविद्यालय ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हाथ मिलाया है। दोनों संस्थानों के बीच डिजिटल प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता हुआ है। इस सहयोग से चिकित्सीय निदान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में सुधार होगा जिससे मरीजों की देखभाल में मदद मिलेगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली और जर्मनी के टीयू ड्रेस्डेन विश्वविद्यालय ने स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप और शोध को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाया है। इसके तहत हाल ही में दोनों संस्थानों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता चिकित्सीय निदान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), एक्सआर (एक्सटेंडेड रियलिटी) और रोबोटिक्स जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में संयुक्त शोध और नवाचार को गति देगा।
एम्स के निदेशक डाॅ. एम. श्रीनिवास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में जर्मनी में आयोजित भारत-जर्मन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र की तीन दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया, जिसके दौरान यह सहयोग तय हुआ।
डाॅ. एम श्रीनिवास ने कहा, यह सहयोग स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। चिकित्सीय अनुभव को इंजीनियरिंग और तकनीकी उत्कृष्टता के साथ जोड़कर हम भविष्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों का वैश्विक प्रोटोटाइप तैयार कर रहे हैं।
एम्स की मीडिया प्रभारी डा. रीमा दादा ने कहा, यह साझेदारी दिखाती है कि कैसे अकादमिक, क्लीनिकल और तकनीकी विशेषज्ञ मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं। यह सहयोग स्वास्थ्य सेवा का भविष्य गढ़ने की दिशा में बड़ा कदम है।
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