विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत विज्ञानियों में AIIMS के 56 शोधकर्ता शामिल, एम्स लगातार सातवें साल नंबर वन अस्पताल
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और एल्सेवियर की ताज़ा सूची में एम्स दिल्ली के 56 शोधकर्ताओं ने दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों में स्थान पाया है। एम्स ने 70वां स्थापना दिवस मनाया है और पिछले वर्ष 50 लाख से ज़्यादा रोगियों की सेवा की। संस्थान ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है। एम्स लगातार सातवें वर्ष भारत के चिकित्सा संस्थानों में नंबर एक बना हुआ है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और एल्सेवियर की हालिया सूची में एम्स दिल्ली के 56 शोधकर्ताओं ने स्थान बनाया है। ये सभी दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत विज्ञानियों में शामिल किए गए हैं।
सूची में देश के 6,239 शिक्षक व सभी एम्स को मिलाकर 80 शोधकर्ता सम्मिलित हैं। एक दिन पहले ही एम्स ने अपना 70वां स्थापना दिवस मनाया। ऐसे में यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में संस्थान की नेतृत्व क्षमता को पुष्ट करता है।
एम्स ने पिछले वर्ष ओपीडी में 50 लाख से ज्यादा रोगियों की सेवा की है। 3.2 लाख से ज्यादा को भर्ती किया है और 3.1 लाख से ज्यादा सर्जरी की हैं। इनमें से कई देश की सबसे जटिल सर्जरी में से हैं।
एआई-संचालित स्वास्थ्य सेवा, निदान, पूर्वानुमान विश्लेषण और रोबोटिक सर्जरी के साथ ही एम्स ने पारदर्शिता और रोगी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाले रीयल-टाइम सार्वजनिक डैशबोर्ड स्थापित किए। एम्स लगातार सातवें वर्ष भारत के चिकित्सा संस्थानों में नंबर-एक बना हुआ है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और एल्सेवियर की सूची के मुताबिक एकल-वर्षीय रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) के 755 शोधकर्ता, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआइटी) से 330 से अधिक और भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) बेंगलुरु के 117 शोधकर्ता शामिल हैं।
वहीं जादवपुर विश्वविद्यालय के 50 वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के 88, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 46 और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 51 वैज्ञानिक शामिल हैं।
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