AI Education: अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे सीखेंगे एआई, नए सिलेबस में नैतिक मूल्यों पर भी फोकस
AI Education दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जल्द ही बुजुर्गों की देखभाल योग और स्वयं सहायता जैसे विषय पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर केंद्रित नए पाठ्यक्रम भी विकसित किए जा रहे हैं। इन नए पाठ्यक्रमों और गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों को तकनीक-संचालित दुनिया में आगे रहने में मदद करना है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल...

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी के सरकारी स्कूलों में जल्द ही बुजुर्गों की देखभाल, योग और स्वयं सहायता जैसे विषय पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के एक अधिकारी ने कहा कि साइंस ऑफ लिविंग नामक एक नया पाठ्यक्रम छात्रों को योग, माइंडफुलनेस और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज सहित ध्यान के विभिन्न रूपों से परिचित कराएगा।
तैयार हो रहा नया सिलेबस
उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम केजी से 10वीं तक के छात्रों के लिए होगा। अधिकारी ने बताया कि शिक्षा विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर केंद्रित नए पाठ्यक्रम भी विकसित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, कौशल को उन्नत करने की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है। इस मांग को पूरा करने के लिए, हम नए पाठ्यक्रमों और गतिविधियों पर काम कर रहे हैं जो छात्रों को तकनीक-संचालित दुनिया में आगे रहने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि कई मौजूदा योजनाओं और पाठ्यक्रमों को उनके प्रभाव को बढ़ाने के लिए नए तत्वों के साथ संशोधित किया जा रहा है। इनमें से एक है न्यू एरा ऑफ एंटरप्रेन्योरियल इकोसिस्टम एंड विजन (एनईवी) या जो छात्रों को व्यवसाय से जुड़ी गतिविधियों से परिचित कराएगा।
किस कक्षा के छात्रों के लिए शुरू होगा नया कार्यक्रम
अधिकारी ने कहा कि एनईवी बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम से अलग होगा और इसमें गतिविधियों का एक नया सेट पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रनीति नामक एक और नया कार्यक्रम सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए शुरू किया जाएगा, ताकि उन्हें शासन, लोकतंत्र, सक्रिय नागरिकता और नीति निर्माण का व्यावहारिक ज्ञान दिया जा सके।
शिक्षा के भविष्य को आकार देने में एआई की भूमिका महत्वपूर्ण - प्रो. रंजना झा
उधर, इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय (आइजीडीटीयूडब्ल्यू) में एआईसीटीई-अकादमी फार टीचिंग एंड लर्निंग (एटीएएल) द्वारा एक बेसिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन चल रहा है। आइजीडीटीयूडब्ल्यू की कुलपति प्रो. रंजना झा ने कार्यक्रम के उद्याटन सत्र में कहा कि शिक्षा के भविष्य को आकार देने में एआई की भूमिका महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि एआई सिर्फ तकनीकी उन्नति नहीं है, यह सीखने के एक नए युग का प्रवेश द्वार है, जहां शिक्षक और शोधकर्ता अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत शैक्षिक अनुभव बनाने के लिए इसकी क्षमता का उपयोग कर सकते हैं। यह एफडीपी संकाय सदस्यों को एआई के युग में नवाचार करने और नेतृत्व करने के लिए उपकरणों के साथ सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस एफडीपी का मुख्य उद्देश्य अगली पीढ़ी के एआई और इसके परिवर्तनकारी अनुप्रयोगों के बारे में जागरूकता और समझ को बढ़ाना है। पूरे कार्यक्रम के दौरान, विशेषज्ञ वार्ता में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इसके विविध अनुप्रयोगों में हाल की प्रगति को शामिल किया जाएगा। प्रतिभागियों को अत्याधुनिक एआई तकनीकों के बारे में जानकारी मिलेगी और वे सीखेंगे कि इन प्रगति को शिक्षा और अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में कैसे लागू किया जा सकता है।
एफडीपी का एक प्रमुख फोकस मशीन लर्निंग को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सिस्टम के साथ एकीकृत करना होगा। आयोजन के डीन और समन्वयक प्रो. बृजेश कुमार ने शैक्षणिक समुदाय के लिए इस तरह की पहल के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि यह एफडीपी शिक्षकों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों को एआई, मशीन लर्निंग और आईओटी में नवीनतम प्रगति का पता लगाने के लिए एक साथ लाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। कार्यक्रम में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के 50 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
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