Move to Jagran APP

Aggregator Policy: दिल्ली में Ola और Uber जैसी कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी, जल्द लागू होगी नीति

Aggregator Policy दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बड़ी पहल करते हुए मोटर वाहन एग्रीगेटर्स स्कीम 2021 को लागू करने की योजना बना रही है। जल्द ही दिल्ली में Ola और Uber जैसी कंपनियों पर नकेल कसी जा सकती है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariPublished: Mon, 26 Dec 2022 10:45 AM (IST)Updated: Mon, 26 Dec 2022 10:45 AM (IST)
Aggregator Policy: दिल्ली में Ola और Uber जैसी कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी, जल्द लागू होगी नीति
दिल्ली में Ola और Uber जैसी कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली में जल्द ही एग्रीगेटर नीति लागू होगी। ओला, उबर जैसी कंपनियां इसके दायरे में आएंगी। ओवर चार्जिंग या यात्रियों से दुर्व्यवहार आदि की शिकायतों पर सरकार की नीति के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही सेवा प्रदाता कंपनियों को अपने दोपहिया और चारपहिया वाहनों को एक निश्चित संख्या तक इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलना होगा।

loksabha election banner

नए साल में जमीन पर आएगी स्कीम

दिल्ली सरकार इस नीति को अंतिम रूप दे रही है। दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बड़ी पहल करते हुए मोटर वाहन एग्रीगेटर्स स्कीम 2021 को लागू करने जा रही है। माना जा रहा है कि साल 2023 की शुरुआत में यह स्कीम जमीन पर आ जाएगी। इस नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली जल्द ही यात्री व माल की परिवहन और वितरण सेवाएं प्रदान करने वाले एग्रीगेटर्स के लिए नीति लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा। नीति के तहत अब राइड एग्रीगेटर्स यानी ओला-उबर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अपने वाहनों के नए बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करना होगा।

इस नीति के अनुसार राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 प्रतिशत और चार पहिया वाहनों में से पांच प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक के सुनिश्चित करने होंगे।

नीति की विशेषताएं-

  • कम से कम 50 वाहनों (बसों को छोड़कर) वाले सभी एग्रीगेटर्स को परिवहन विभाग से वार्षिक, नवीनीकरण लाइसेंस लेना होगा। सभी चालक और उनके वाहनों का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • एग्रीगेटर कंपनियां किराया वसूलने में मनमानी नहीं कर सकेंगी।
  • एग्रीगेटर को सभी चालकों और वाहनों की रियल टाइम, ट्रिप रूट और पैनिक बटन की स्थिति की निगरानी के लिए रोजाना 24 घंटे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर संचालित करना होगा।
  • एग्रीगेटर एक महीने में 15 प्रतिशत या इससे अधिक शिकायतों वाले चालकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा।
  • एक वर्ष की अवधि में 3.5 से कम रेटिंग वाले चालकों को प्रशिक्षण और सुधारात्मक उपाय करने होंगे l  
  • अकुशल चालकों के प्रदर्शन की निगरानी एग्रीगेटर और परिवहन विभाग द्वारा की जाएगी।
  • यदि प्रदर्शन में सुधार नहीं होता है, तो परिवहन विभाग उनके वाहन बैज को समाप्त कर देगा।

करने होंगे ये काम

  • दिल्ली में संचालन के लिए परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना होगा।
  • इन कंपनियों को चौबीस घंटे चलने वाले काल सेंटर चलाने होंगे।
  • अपनी हर कैब का लाइव जीपीएस डेटा परिवहन विभाग के कंट्रोल सेंटर को सौंपना होगा।
  • कंपनियों को अपने एप को स्टैंडर्डाइजेशन टेस्टिंग एंड क्वालिटी सर्टिफिकेशन द्वारा मान्यता प्राप्त कराना होगा या इलेक्ट्रानिक एंड आइटी मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य किसी अधिकृत एजेंसी से सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा।
  • कैब में पैनिक बटन लगवाना होगा जो आपातकाल के समय में स्थानीय पुलिस से संपर्क कर सके।
  • यात्रियों को कम से कम दो लोगों से अपना लोकेशन शेयर करने की सुविधा हो।
  • एप में फायरवाल का निर्माण कराना होगा ताकि यात्रियों का पर्सनल डाटा लीक न हो।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.